Punjab Advoacte News: लुधियाना जिला बार में फर्जीवाड़ा, 140 वकीलों के इनरोलमेंट सर्टिफिकेट निकले फेक

Punjab Advoacte News पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल की आनुशासनिक कमेटी के चेयरमैन सीएम मुंजाल सदस्य हरीश राय ढांडा तथा विकास विश्नाेई ने एफआइआर दर्ज करने के लिए बुधवार को लिस्ट पुलिस कमिश्नर के पास भेजी है। उन सभी वकीलों के लाइसेंस भी जांच करने की मांग की गई है।

By DeepikaEdited By: Publish:Fri, 12 Aug 2022 11:24 AM (IST) Updated:Fri, 12 Aug 2022 11:24 AM (IST)
Punjab Advoacte News: लुधियाना जिला बार में फर्जीवाड़ा, 140 वकीलों के इनरोलमेंट सर्टिफिकेट निकले फेक
Punjab Advoacte News: बार कौंसिल की अनुशासनिक कमेटी ने सीपी को दी शिकायत। (सांकेतिक)

राजन कैंथ, लुधियाना। Punjab Advoacte News: जिला बार एसोसिएशन लुधियाना में कथित तौर पर 140 वकीलों के इनरोलमेंट सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं। बार कौंसिल की अनुशासनिक कमेटी ने सीपी को शिकायत देकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनके खिलाफ वकालत करने से रोकने और पर्चा दर्ज करने पर भी बल दिया गया है।

पंजाब एंड हरियाणा बार कौंसिल की आनुशासनिक कमेटी के चेयरमैन सीएम मुंजाल, सदस्य हरीश राय ढांडा तथा विकास विश्नाेई ने एफआइआर दर्ज करने के लिए बुधवार वो लिस्ट पुलिस कमिश्नर के पास भेजी है। उन सभी वकीलों के लाइसेंस भी जांच करने की मांग की गई है। आनुशासनिक कमेटी ने वर्ष 2000- 2001 तक का रिकार्ड चेक करने के बाद 140 वकीलों की वो लिस्ट तैयार की है, जिनके इनराेलमेंट नंबर बार कौंसिल के रिकार्ड से मैच नहीं कर रहे थे।

आनुशासनिक कमेटी का कहना है कि एडवोकेट डेविड गिल ने आम आदमी पार्टी की जिला कार्यकारिणी के यूथ प्रधान एडवोकेट परमिंदर सिंह संधू के खिलाफ एक शिकायत की थी। इसमें बताया था कि संधू ने ला की पढ़ाई नहीं की है। उनके पास मौजूद बार कौंसिल का इनरोलमेंट नंबर भी फर्जी है, जिसका रिकार्ड उन्होंने आरटीआइ के माध्यम से निकलवाया था। वहीं परमिंदर बार कौंसिल लुधियाना में एक्सीक्यूटिव सदस्य के लिए चुनाव भी लड़ चुुके हैं। इससे जाहिर होता है कि लुधियाना में फर्जी इनरोलमेंट का बड़ा रैकेट काम कर रहा है, जिसकी जांच होना लाजिमी है ।

इस संबंध में जांच शुरू हुई तो परमिंदर सिंह ने बताया कि एडवोकेट डेविड गिल और सुखमनी सिंह उसके बचपन के दोस्त हैं। वाे उसे एडवोकेट दीपक प्रजापति के पास लेकर गए। दीपक प्रजापति ने डेढ़ लाख रुपये लेकर उसे चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ से एलएलबी की डिग्री उपलब्ध करा दी। उसके बाद दीपक प्रजापति व डेविड गिल उसे बार कौंसिल चंडीगढ़ ले गए। जहां ढाई लाख रुपये लेकर उसे इनरोलमेंट नंबर पी-921-2016 दिला दिया गया। जबकि सुखमनि सिंह को इनरोलमेंट नंबर पी-922-2016 दिलाया गया। उसने कहा कि अपने साथ हुए धोखे का उसे बहुत बाद में पता चला।

दूसरी और पंजाब एंड हरियाणा चंडीगढ़ बार काैंसिल के सदस्य एडवोकेट चेतन वर्मा ने कहा कि कमेटी द्वारा बनाई गई 140 वकीलों की लिस्ट में 30 से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम डाल दिए गए हैं, जो सर्टिफाइड और सम्मानित वकील हैं। उन वकीलों के इनरोलमेंट नंबर पंजाब से न होकर दूसरे राज्यों में पंजिकृत हैं। वहीं परमिंदर संंधू का भी कहना है कि वो अपना लाइसेंस व इनरोलमेंट सर्टिफिकेट सिरेंडर कर चुका है। हैरानी की बात यह है कि इस लिस्ट के 50वें नंबर में उस वकील का हरीश नारंग का भी नाम शामिल है, जिसका काफी समय पहले देहांत हो चुका है।

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