Punjab News: पनबस-पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी खोलेंगे सरकार के खिलाफ मोर्चा, 30 नवंबर को करेंगे गेट रैलियां

Punjab News पंजाब सरकार के कच्चे कर्मचारियाें ने सरकार के खिलाफ माेर्चा खाेल दिया है। पनबस व पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारियाें की मांगे पिछले लंबे समय से लटकती आ रही है। सरकार व अधिकारियों द्वारा कोई हल नहीं निकाला जा रहा है।

By Asha Rani Edited By: Publish:Sun, 27 Nov 2022 05:07 PM (IST) Updated:Sun, 27 Nov 2022 05:07 PM (IST)
Punjab News: पनबस-पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी खोलेंगे सरकार के खिलाफ मोर्चा, 30 नवंबर को करेंगे गेट रैलियां
Punjab News: पनबस व पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारी करेंगे संघर्ष। (फाइल फाेटाे)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Punjab News: पंजाब रोडवेज, पनबस व पीआरटीसी कांट्रेक्ट वर्कर यूनियन ने फिर से पंजाब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान कर दिया है। कारण, पंजाब सरकार की ओर से यूनियन की मांगों को लेकर कदम न उठाए जाना है। रविवार को यूनियन के प्रधान रेशम सिंह गिल व जनरल सेक्रेटरी शमशेर सिंह ढिल्लों ने कहा कि पनबस व पीआरटीसी के कच्चे कर्मचारियाें की मांगे पिछले लंबे समय से लटकती आ रही है। सरकार व अधिकारियों द्वारा कोई हल नहीं निकाला जा रहा है।

सरकारी बसों की संख्या बढ़ाने की मांग

कांट्रेक्ट और आउटसोर्सिंग में रखे कच्चे कर्मचारियाें को पक्का नहीं किया जा रहा। जबकि पनबस में आउटसोर्सिंग पर नाजायज भर्ती की जा रही है। पीआरटीसी में प्राइवेट मालिकों की किलोमीटर स्कीम के तहत बसें डालने की तैयार की जा रही है। विभाग की ओर से पिछली सरकार के समय वेतन में हुई बढ़ोतरी को कुछ कर्मचारियाें पर लागू नहीं किया जा रहा और इस साल भी दसवें महीने से पांच प्रतिशत वेतन बढ़ोतरी इंक्रीमेंट भी नहीं लगाया गया। पंजाब की आबादी के मुताबिक सरकारी बसों की संख्या कम से कम दस हजार करने की मांग को लेकर भी यूनियन संघर्ष कर रही है। 

मांगें नहीं मानी ताे करेंगे संघर्ष

बीते दिनों यूनियन ने 14 नवंबर को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रमुख सचिव हिमांशु जैन से मीटिंग करके अपनी मांगों और उनके साथ हो रही धक्केशाही के बारे में बताया था। उन्हें कहा गया था कि 7 दिन के भीतर उनकी कई मांगों को पूरा करने को लेकर लिखित में आश्वासन दिया गया था। इसके साथ ही मुख्यमंत्री से मीटिंग करवाने का आश्वासन भी मिला था। लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया। मैनेजमेंट की ओर से उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में यूनियन ने निर्णय लिया है कि 30 नवंबर को सभी डिपो पर गेट रैलियां की जाएंगी। इस दौरान सरकार और आगे के संघर्ष की योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने फिर भी उनकी मांगे पूरी नहीं की तो वह बड़ा कदम उठाएंगे।

chat bot
आपका साथी