Plot Alottment Scam: लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन 52 दिन बाद भी फरार, विजिलेंस के हाथ खाली

Ludhiana Improvement Trust Scam इंप्रूवमेंट ट्रस्ट घाेटाले में नामजद ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम 52 दिन बाद भी विजिलेंस की गिरफ्त से बाहर हैं। उनके अलावा चार अन्य लोग भी फरार हैं जिनमें एसडीओ व क्लर्क भी शामिल हैं।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Sep 2022 08:14 AM (IST) Updated:Mon, 19 Sep 2022 08:14 AM (IST)
Plot Alottment Scam: लुधियाना इंप्रूवमेंट ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन 52 दिन बाद भी फरार, विजिलेंस के हाथ खाली
Ludhiana Improvement Trust Scam: रमन बाला सुब्रामण्यम। जागरण आर्काइव

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Ludhiana Improvement Trust Scam: इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में मनमाने ढंग से प्लाट आवंटन के मामले में नामजद ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम 52 दिन बाद भी विजिलेंस की गिरफ्त से बाहर हैं। उनके अलावा चार अन्य लोग भी फरार हैं, जिनमें एसडीओ व क्लर्क भी शामिल हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पूर्व चेयरमैन को राजनीतिक संरक्षण मिला है और वे प्रदेश से बाहर हैं। ऐसे में विजिलेंस के हाथ भी बंधे से नजर आ रहे हैं।

दरअसल, विजिलेंस ने 28 जुलाई को ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम, ईओ कुलजीत कौर, एसडीओ अंकित गर्ग, क्लर्क प्रवीन कुमार, गगनदीप गोयल और पीए संदीप कुमार के खिलाफ मामला दर्ज किया था। विजिलेंस ने ईओ कुलजीत कौर समेत दो क्लर्काें को रिश्वत लेने के आरोप में काबू किया था। इसके बाद सिर्फ पीए की ही गिरफ्तारी हुई और एसडीओ, एक क्लर्क और बाद में नामजद किए गए दो प्रापर्टी डीलर समेत रमन बाला सुब्रामण्यम को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।

रमन बाला सुब्रामण्यम के राजनीतिक शरण में होने की चर्चा

राजनीतिक क्षेत्रों में चर्चा है कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने रमन बाला सुब्रामण्यम को राजनीतिक शरण दी है। कहा जा रहा है कि पूर्व चेयरमैन को पहले राजस्थान और बाद में किसी अन्य राज्य में रखा गया है। इधर विजिलेंस भी उनके खिलाफ सबूत इकट्ठे करने में जुटा है ताकि पूरे केस में पूर्व चेयरमैन की सीधी संलिप्तता दिखाई जा सके और उनकी प्रापर्टी अटैच कर दी जाए। इसके बाद ही रमन पर शिकंजा कसा जा सकता है।

चाराें आराेपिताें काे आज अदालत में पेश करेगी विजिलेंस

इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में प्लाटों के आवंटन को लेकर हुए घोटाले के मामले में शुक्रवार को पकड़े गए चारों आरोपितों को विजिलेंस टीम सोमवार को अदालत में पेश करेगी। इन्हें दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेजा गया था। दरअसल, विजिलेंस ने पहले से दर्ज एफआइआर में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और नगर निगम के अफसरों को नामजद किया था। इनमें ट्रस्ट में तैनात कार्यकारी इंजीनियर बूटा राम, जसदेव सिंह, जूनियर इंजीनियर इंद्रजीत सिंह और नगर निगम के जूनियर इंजीनियर मनदीप सिंह और माडल टाऊन एक्स्टेंशन निवासी अलाटी कमलदीप सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें से जसदेव सिंह, इंद्रजीत सिंह, मनदीप सिंह और कमलदीप सिंह को गिरफ्तार किया था।

कब क्या हुआ

14 जुलाईः इंप्रूवमेंट ट्रस्ट दफ्तर में छापा मारकर ईओ कुलजीत कौर के साथ दो क्लर्क को किया गिरफ्तार 28 जुलाईः प्लाट आवंटन मामले में पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम के खिलाफ मामला दर्ज किया 30 जुलाईः रमन बाला सुब्रामण्यम का पीए संदीप शर्मा गिरफ्तार 4 अगस्तः ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन के साथ अन्य सभी आरोपितों की जमानत याचिका हुई खारिज 16 सितंबरः एक्सईएन समेत पांच अन्य लोगों को किया गया नामजद 17 सितंबरःअदालत में पेश कर दो दिन का पुलिस रिमांड लिया

ये भी है कारण.. स्थायी एसएसपी नहीं, स्टाफ की कमी

पूर्व चेयरमैन रमन बाला सुब्रामण्यम और अन्य के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा कार्यालय में आपराधिक मामला दर्ज किया गया है। यहां के एसएसपी सुरिंदर लांबा का तबादला 22 जुलाई को कर दिया गया था। इसके बाद यहां पर स्थायी एसएसपी ही नहीं लगाया गया है। विजिलेंस रेंज कार्यालय के एसएसपी रविंदरपाल सिंह को ही यहां का चार्ज दिया गया है। पुराने एसएसपी की तरफ से जब केस की पैरवी के लिए स्टाफ की मांग की गई तो उन्हें रेंज कार्यालय से सहायता लेने के लिए कहा गया था।

बाद में इन दोनों कार्यालयों के अफसर एक साथ काम करने को ही राजी नहीं हुए। हालांकि अब स्टाफ की कमी के बीच दोनों को मिलकर काम करना पड़ रहा है। विजिलेंस की आर्थिक अपराध शाखा कार्यालय में मात्र तीन डीएसपी, एक एएसआइ और चार हवलदार ही हैं और वह दूसरे राज्य में जाकर छापामारी नहीं कर सके। एसएसपी र¨वदरपाल सिंह कहते हैं कि भले ही स्टाफ की कमी है, मगर हम अपना काम इमानदारी से कर रहे हैं। हम केस को मजबूत करने के लिए सबूत जुटा रहे हैं।

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