पैरामेडिकल स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाओं का किया बायकाट, आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

कोरोना काल के दौरान पैरामेडिकल स्टाफ अपनी जान की परवाह किए बिना घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहा है परंतु इन हेल्थ वर्करों से मारपीट करने के मामले भी सामने आ रहे है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Fri, 14 Aug 2020 04:01 PM (IST) Updated:Fri, 14 Aug 2020 04:18 PM (IST)
पैरामेडिकल स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाओं का किया बायकाट, आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
पैरामेडिकल स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाओं का किया बायकाट, आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जालंधर, जेएनएन। गांव खानपुर में एक डेरे के कुछ लोगों द्वारा हेल्थ वर्कर मस्तान सिंह व हरप्रीत कौर के साथ मारपीट किए जाने के विरोध में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय में नियुक्त पैरामेडिकल स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाओं का बायकाट किया। स्टाफ ने पूरा दिन कामकाज ठप रखा। इस दौरान स्टाफ ने मांग की कि हमला करने वाले आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सभी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।

इसके साथ उन्होंने यह मांग भी की कि फील्ड में काम कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाए। क्योंकि मारपीट की घटना से स्वास्थ्य कर्मियों में भय है। फील्ड में बहुत से कर्मी अकेले डोर टू डोर विजट करते हैं। पैरामेडिकल स्टाफ ने असिस्टेंट सिविल सर्जन डॉ. बलविंदर सिंह को मांग पत्र भी सौंपा।

इस मौके पर स्टाफ ने कहा कि कोरोना काल के दौरान जब सारी दुनिया अपने घरों में कैद थी तो इस दौरान भी पैरामेडिकल स्टाफ अपनी जान की परवाह किए बिना ही लोगों को कोरोना के खिलाफ जागरूक कर रहा था और संदिग्ध लोगों के सैंपल ले रहा है।

बर्खास्त कर्मियों को बहाल न करने पर संघर्ष की चेतावनी दी

कुछ दिन पहले 108 एंबुलेंस इंप्लाइज यूनियन पंजाब के आह्वान पर कई मुलाजिमों ने स्वास्थ्य सेवाओं का बायकाट किया था। जिसके बाद कंपनी ने कई मुलाजिमों को बर्खास्त कर दिया था। वीरवार को कंपनी ने यूनियन के तरनतारन जिले के प्रधान राजबीर सिंह को भी बर्खास्त कर दिया। कंपनी के इस फैसले के बाद यूनियन के पंजाब प्रधान गुरप्रीत सिंह गरी ने शुक्रवार को मुलाजिमों को बर्खास्त करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कंपनी तानाशाही फैसले ले रहे हैं। मुलाजिमों ने दिन रात काम लिया जा रहा है। सुरक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं दी जा रही है। वेतन में सालाना बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। पिछले साल सातों से आठ घंटे की बजाए बारह घंटे काम लिया जा रहा है। इसके अलावा नाजायज तौर पर बदलियां की जा रहही है। यूनियन प्रधान ने चेतावी दी कि जिन मुलाजिमों को बर्खास्त किया गया है, अगर उन्हें चौबीस घंटे के भीतर बहाल नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में वह बड़ा कदम उठाएंगे।

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