सस्ता व त्वरित न्याय : राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक दिन में निपटाए 3614 मामले Ludhiana News

पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के विशेष न्यायाधीश-सह-कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन विशेष रूप से मौजूद रहे जिन्होंने सभी बेंचों की समीक्षा की।

By Edited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 03:43 PM (IST)
सस्ता व त्वरित न्याय : राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक दिन में निपटाए 3614 मामले Ludhiana News
सस्ता व त्वरित न्याय : राष्ट्रीय लोक अदालत ने एक दिन में निपटाए 3614 मामले Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। जिला कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत लगाई गई। इसमें कुल 10,094 केस रखे गए, जिनमें से 3614 का मौके पर ही निपटारा कर दिया गया। मामलों को निपटाने के लिए कुल 24  बेंच स्थापित किए गए थे। इस दौरान पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के विशेष न्यायाधीश-सह-कार्यवाहक अध्यक्ष न्यायमूर्ति राकेश कुमार जैन विशेष रूप से पहुंचे। जिन्होंने सभी बेंचों की समीक्षा की। इस अवसर पर लुधियाना कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के सीजेएम आशीष अबरोल भी उपस्थित थे।

जिला और सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह ने कहा कि सरकार ने देशवासियों को सस्ता और त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए सार्वजनिक अदालतें स्थापित की हैं। इसका लोगों को फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि समाज में कई लोग हैं जो न्याय से बाहर हैं, ऐसे लोगों की मदद के लिए उक्त कानूनी सेवाएं अथॉरिटी द्वारा मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान की जाती हैं। उन्होंने बताया कि लोक अदालत में कुल 10,094 मामलों पर विचार हुआ और उनमें से 3614 मामलों का निपटारा किया गया, जबकि 94.79 करोड़ रुपये विभिन्न सड़क वाहनों से संबंधित मामलों में अवार्ड पारित किए गये। लुधियाना शहर के अलावा, खन्ना, समराला, जगराओं और पायल तहसील में भी सार्वजनिक लोक अदालतें लगाई गईं।

न्यायाधीश ने कहा कि जो लोग लंबे समय से अदालत में हैं, वे अब बड़े नुकसान से बचने के लिए आम सहमति से निपटना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि लोक अदालतों में सभी प्रकार की दीवानी, वैवाहिक, किराये की अपील, मोटर दुर्घटना के दावे, भूमि कब्जाने, आपराधिक अपील और अन्य मामले निपटाने के लिये रखे गए थे।

इसके इलावा लोगों में किराया-संबंधित मामले, बैंक वसूली, राजस्व विभाग से संबंधित मामले, मगनरेगा मामले, बिजली और पानी के बिल मामले (चोरी के बिना), वेतन और पारिश्रमिक मामले, पेंशन और सेवानिवृत्ति के मामले, प्राकृतिक आपदा क्षतिपूर्ति मामले, निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट सिविल जज / न्यायिक मजिस्ट्रेट की धारा 138 के तहत शिकायतों को निपटाने के लिए भी लोगों में उत्साह देखा गया। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में मामले की सुनवाई के लिए कोई अदालत शुल्क नहीं है और यदि लोक अदालत द्वारा मामले को हल किया जाता है, तो भुगतान किए गए अदालती शुल्क की वापसी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन मामलों को लोक अदालतों में हल किया जाता है, उनके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है और मामलों को जनता की अदालतों के माध्यम से तेज और मैत्रीपूर्ण तरीके से हल किया जाता है।

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