सौ घरों में ट्रायल सफल, गीला कूड़ा कम करने के लिए 35 हजार घरों में निगम लगवाएगा कंपोस्ट पिट्स
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में लुधियाना को बेहतरीन प्रयास के लिए देशभर में अव्वल चुने जाने पर नगर निगम अफसर काफी खुश हैं।
राजेश भट्ट, लुधियाना
स्वच्छता सर्वेक्षण-2020 में लुधियाना को बेहतरीन प्रयास के लिए देशभर में अव्वल चुने जाने पर नगर निगम अफसर काफी खुश हैं। हालांकि अभी भी निगम के समक्ष कई चुनौतियां हैं और इसमें कूड़ा सेग्रीगेशन और उसका निस्तारण अहम पहलू है। इस बार के स्वच्छता सर्वे में इस मानक के अंक भी जोड़े गए थे कि शहर में कितना गीला कूड़ा कम किया गया। इसके लिए निगम ने पिछले साल सौ के करीब घरों में लोगों को कंपोस्ट पिट लगाने के लिए प्रेरित किया था। वे लोग अब भी इसे अपना रहे हैं। यह ट्रायल सफल रहा तो इसे देखते हुए अब की बार निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण-2021 में बेहतर अंकों के लिए शहर के 35 हजार घरों में कंपोस्ट पिट लगवाने का लक्ष्य तय किया है। निगम की टीमें अब लोगों को घर-घर जाकर इसके लिए प्रेरित करेंगी।
अधिकारियों के घरों और सरकारी दफ्तरों के परिसरों में भी निगम कंपोस्ट प्लांट लगवाने के लिए कहेगा। शिक्षण संस्थानों को भी इस मुहिम से जोड़ने की तैयारी की जा रही है। घरों में जहां गीले कूड़े को प्रोसेस किया जाएगा, वहीं सरकारी दफ्तरों में बागवानी से संबंधित कचरे को प्रोसेस किया जाएगा। निगम ने शहरवासियों से सहयोग मांगा है कि वे घरों में कूड़ा सेग्रीगेशन करें और गीले कूड़े को प्रोसेस करने के लिए घर में कंपोस्ट पिट लगाएं। जैविक खाद का आप घरों में लगाए पौधों के लिए प्रयोग करें
अगर आपने घर में पौधे लगाए हैं तो उनके पोषण के लिए आप घर के गीले कूड़े को अलग करें और कंपोस्ट पिट लगाकर कूड़े से जैविक खाद बनाएं। इसका आप पौधों के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपके घर से निकलने वाले कूड़े की मात्रा कम हो जाएगी और आप स्वच्छता सर्वे में शहर की रैंकिग बेहतर बनाने में योगदान दे सकते हैं। 30 फीसद कूड़ा कम करना है लक्ष्य
शहर में रोज 1100 से 1200 टन कूड़ा निकलता है। इसमें निगम 30 फीसद कूड़ा कम करना चाहता है। अगर एक घर में औसत एक किलोग्राम गीला कूड़ा प्रतिदिन निकलता है तो 35 हजार घरों से 35 टन कूड़ा कंपोस्ट पिट्स लगने से कम हो जाएगा। निगम बल्क में गीला कूड़ा पैदा करने वालों को भी अपने कंपोस्ट पिट्स लगाने के आदेश पहले ही जारी कर चुका है। इस तरह बनाएं कंपोस्ट पिट
नगर निगम के कंपोस्ट पिट्स लगवाने वाले विशेषज्ञ गुरविदर शर्मा के अनुसार, 20-20 लीटर की दो प्लास्टिक की बाल्टियां या डक्कन वाले डस्टबिन लें। उन पर छोटे-छोटे छेद करें। इनको घर की छत पर एक किनारे पर रखें। रोज घर का गीला कूड़ा इनमें डालें। जब कूड़ा डालते हैं तो इसमें थोड़ा पानी भी डालें। जब एक बाल्टी भर जाए तो दूसरी का इस्तेमाल करें। एक माह में खाद तैयार हो जाएगी। इसके अलावा अगर घर में जगह है तो आवश्यकता अनुसार पिट बनाया जा सकता है। उसमें बागवानी का कचरा भी डाला जा सकता है। अहम चुनौती: कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए लोग नहीं दिखा रहे रुचि दावा : 90 फीसद कूड़ा सेग्रीगेशन, सच्चाई : सिर्फ 60 से 70 फीसद
नगर निगम को घरों से ही 100 फीसद कूड़ा सेग्रीगेशन करवाना है, लेकिन निगम अफसरों का दावा है कि 90 फीसद सेग्रीगेशन हो रही है। हालांकि सच्चाई इससे परे है क्योंकि सेकेंडरी डंपों पर अभी 60 से 70 फीसद कूड़ा ही सेग्रीगेट होकर आ रहा है। कई इलाकों में लोग अभी भी कूड़ा सेग्रीगेशन नहीं कर रहे हैं। एटूजेड कंपनी के ही कूड़ा कलेक्टर सेकेंडरी डंप तक गीले और सूखे कूड़े को अलग-अलग ला रहे हैं जबकि प्राइवेट कूड़ा कलेक्टर अब भी एक ही रेहड़े पर मिक्स कूड़ा ला रहे हैं। सेकेंडरी डंपों पर आ रहे गीले कूड़े की खाद बनाने के लिए एटूजेड कंपनी ने ताजपुर मेन कूड़ा डंप पर कंपोस्ट प्लांट लगाया है। निगम चाहता है कि घरों से सेकेंडरी डंप तक कम से कम गीला कूड़ा आए ताकि कूड़े की मात्रा को कम किया जा सके। पिछले साल वार्ड 81 को मॉडल के तौर पर चुना था
कूड़ा सेग्रीगेशन के लिए निगम ने पिछले साल पार्षद राशि अग्रवाल के वार्ड 81 को मॉडल के तौर पर लिया था। उसमें भी 90 फीसद तक ही सोर्स सेग्रीगेशन हो पा रहा है। निगम ने इसके लिए फिर से विशेष मुहिम शुरू करने का फैसला किया है।
कोट्स
हमने 35 हजार घरों में कंपोस्ट प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कुछ घरों में पहले भी कंपोस्ट प्लांट लगाए थे लेकिन वह बहुत थोड़े थे। इसके अलावा सरकारी दफ्तरों में भी कंपोस्ट प्लांट लगवाए जाएंगे।
-स्वाति टिवाणा, ज्वाइंट कमिश्नर-कम- इंचार्ज हेल्थ ब्रांच नगर निगम