फलों की मार्केट फीस की जांच के लिए पहली बार चेकिंग

खन्ना और लुधियाना से शहर में आ रहे फ ल की मार्केट फीस काटने के लिए मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने खन्ना रोड पर फलों की भरी जीपों को रोक कर चेकिंग की। इससे पहले मार्केट कमेटी ने कभी भी नाके लगाकर चेकिंग नहीं की थी।

By Edited By: Publish:Wed, 19 Dec 2018 06:35 AM (IST) Updated:Wed, 19 Dec 2018 06:35 AM (IST)
फलों की मार्केट फीस की जांच के लिए पहली बार चेकिंग
फलों की मार्केट फीस की जांच के लिए पहली बार चेकिंग

संवाद सहयोगी, समराला : खन्ना और लुधियाना से शहर में आ रहे फल की मार्केट फीस काटने के लिए मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने खन्ना रोड पर फलों की भरी जीपों को रोक कर चेकिंग की। इससे पहले मार्केट कमेटी ने कभी भी नाके लगाकर चेकिंग नहीं की थी। समराला की मंडी में फलों की आढ़त नहीं है, इसलिए बाहर से ही सारा फल बिकने के लिए शहर में आता है। फ लों की चेकिंग से फ ल बेचने वाले दुकानदार और रेहड़ी वालों की नींद उड़ी हुई है। आज फलों की चेकिंग करने वालों में मार्केट कमेटी के लेखाकार जसवंत सिंह और अन्य कर्मचारी मौजूद थे। इससे पहले जब समराला में फल आता है तो मार्केट कमेटी के कर्मचारी सप्ताह में एक बार फीस की पर्ची काटकर दुकानदारों के हाथों में पकड़ा दी जाती थी। यह खेल काफी समय से चल रहा था और मार्केट फीस न के बराबर रह गई थी और फ लों पर लगने वाली 4 प्रतिशत मार्केट फीस थी, जिसमें 2 प्रतिशत रूरल डवलपमेंट फंड शामिल है। महीने में 28 से लेकर 30 हजार रुपये मार्केट फीस जमा होती थी और शहर में बाहर से फल लाखों रुपये का आता था।

रोज कितना आता है फल, यह देखने के लिए की चेकिंग: सेक्रेटरी

इस संबंध में मार्केट कमेटी के सेक्रेटरी सुरेंदर कुमार से बात की तो उनका कहना था कि बाहर से आ रहे फलों की चेकिंग करके यह देखा जा रहा है कि शहर में रोज फल कितना आता है। इससे 3 महीने पहले बाहर से आने वाले फलों की चेकिंग भी की गई थी। जब उनसे यह पूछा कि काफी महीनों से फलों की चेकिंग के लिए नाका नहीं लगाया गया तो उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया।

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