लुधियाना के ताजपुर रोड CETP का निर्माण एक माह में होगा पूरा, 50 MLD पानी रोजाना होगा ट्रीट

ताजपुर रोड पर बन रहे कामन एंफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का कार्य पूरा करवाने का होगा। चेयरमैन अशोक मक्कड़ ने कहा कि नई टीम में हर सदस्य को जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी और काम की पारदर्शिता के लिए हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करेगा।

By Vipin KumarEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 08:23 AM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 08:23 AM (IST)
लुधियाना के ताजपुर रोड CETP का निर्माण एक माह में होगा पूरा, 50 MLD पानी रोजाना होगा ट्रीट
क्षमता से बीस एमएलडी अधिक निर्माण को लेकर काम करेगी नई टीम। (सांकेतिक तस्वीर)

लुधियाना, [मुनीश शर्मा]। ताजपुर रोड स्थित पंजाब डायर्स एसोसिएशन की ओर से चार्ज लेने के बाद अब सबसे पहला काम ताजपुर रोड पर बन रहे कामन एंफ्यूलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का कार्य पूरा करवाने का होगा। इसको लेकर टीम की ओर से निर्माण कर रही कंपनी को इसका रोजाना फालोअप देने और अगर कोई अड़चन है, तो इसकी जानकारी देने की बात कही है। ताकि इस काम को समय पर पूरा किया जा सके। उद्यमियों ने कहा कि इस समय पहले ही काम लेट हो चुका है। ऐसे में नई टीम ने इसे पहला एजेंडा मानते हुए समय से काम पूरा करने की बात कही है। ज्ञात हो कि पीडीए की मुख्य वर्किंग का हिस्सा यहां बन रहा पचास एमएलडी का सीईटीपी प्लांट है।

इससे 102 यूनिट्स को लाभ मिलेगा और रोजाना पचास एमएलडी पानी दोबारा ट्रीटमेंट के बाद इस्तेमाल लायक बन जाएगा। संगठन का लक्ष्य इंडस्ट्री की मांग को देखते हुए इसकी कपैसिटी को बीस एमएलडी ओर बढ़ाने का है। ऐसे में पहले पचास एमएलडी के प्लांट को पूरा किया जाएगा और अतिरिक्त बीस एमएलडी के लिए सरकार से अनुमति मांगकर क्षमता को बढ़ाने का काम किया जाएगा।

नवनियुक्त चेयरमैन अशोक मक्कड़ ने कहा कि नई टीम में हर सदस्य को जिम्मेदारियां सौंपी जाएंगी और काम की पारदर्शिता के लिए हर सदस्य अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह करेगा। ऐसे में हमारा पहला लक्ष्य एक महीने के भीतर सीईटीपी प्लांट को आरंभ करने का होगा। ताकि 102 यूनिट्स के पानी को दोबारा ट्रीट कर इस्तेमाल लायक बनाया जा सके। इस पर 65 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके साथ ही सीवरेज सिस्टम को भी दुरुस्त किया जाएगा।

इसके पश्चात बीस एमएलडी अतिरिक्त के लिए सरकार से अनुमति लेकर काम आरंभ किया जाएगा। इसके साथ ही शेयर बंटवारे में किसी भी कंपनी के साथ धक्का नहीं किया जाएगा और नियमों के मुताबिक आवंटन किया जाएगा। अगर ज्यादा जरूरत हुई, तो प्लांट की एक्सपेंशन को भी इसके निर्माण के बाद प्रक्रिया आरंभ कर दी जाएगी।

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