अब वेंडिंग जोन में वर्दी डाल सामान बेचेंगे रेहड़ी फड़ी वाले

बिंदु उप्पल, जगराओं अब जगराओं की गलियों में सब्जियां और सामान बेचने वाले रेहड़ी फड़ी लगाने वाले भी ह

By JagranEdited By: Publish:Sun, 07 Jan 2018 08:58 PM (IST) Updated:Sun, 07 Jan 2018 08:58 PM (IST)
अब वेंडिंग जोन में वर्दी डाल सामान बेचेंगे रेहड़ी फड़ी वाले
अब वेंडिंग जोन में वर्दी डाल सामान बेचेंगे रेहड़ी फड़ी वाले

बिंदु उप्पल, जगराओं

अब जगराओं की गलियों में सब्जियां और सामान बेचने वाले रेहड़ी फड़ी लगाने वाले भी हाईटेक हो जाएंगे। उनके लिए एक ऐसा प्लेटफार्म तैयार किया जा रहा है जहां पर एक आधुनिक स्टाइल के शेड बनाकर चीजें बेचने के लिए स्थान मिलेगा। जिससे अब आधुनिक जीवन शैली से अब रेहड़ी-फड़ी वाले भी अछूते नहीं रहेंगे। वेंडर जोन में खूबसूरत शेड में रेहड़ी पर अपना सामान बेचना होगा। यह कहना है नेशनल एसोसिएशन आफ स्ट्रीट वेंडर आफ इंडिया के सचिव टाइगर सिंह का।

जगराओं शहर में 6 वेडिंग जोन, जो शौचालयों, स्ट्रीट लाइटों, स्टोरेज आदि सुविधाओं से लैस होंगे। इन जोन में खड़ा हर एक रेहड़ी व फड़ी वाला वर्दी पर आईकार्ड लगाकर ग्राहक को हैलो कह कर चीज बेचेंगे। नगर काउंसिल जगराओं की ओर से स्ट्रीट वेडिंग पालिसी को 20 जनवरी से लागू करने का लक्ष्य रखा है परन्तु वास्तव में कई महीने लागू होने में लग जाऐंगे। नगर काउंसिल जगराओं की ओर से 6 वेंडिंग जोन घोषित किए गए है।

गौर है सरकार शहरों में ट्रैफिक व साफ-सफाई की सुरक्षा की समस्या को लेकर वेडिंग जोन बनाने पर जोर दे रही है। वेंडर के सर्वे के बाद जल्द ही उन्हें दुकान लगाने के लिए समुचित स्थान के साथ अन्य सुविधाएं मिलेगी।

टाइगर सिंह ने बताया कि वर्ष 2014 के स्ट्रीट वेंडर जोन एक्ट के मुताबिक रेहड़ी-फड़ी वालों की बेहतरीन सुविधाएं दी जा रही है ताकि ट्रैफिक समस्या से निजात पाने के साथ ग्राहकों को फूड सेफ्टी एक्ट मुताबिक साफ-सुथरी चीजें उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा वेंडरों की पहचान के लिए आईकार्ड ,आधार कार्ड लिंक व मोबाइल नंबर का पूरा रिकार्ड रखा जाएगा। उनकी दो लाख रुपए की स्वास्थ्य पालिसी दी जाने की सुविधा होगी। उनकी पथ विक्रेता समितियां बनाकर वेडिंग, सेमी-वेंडिंग, नॉन-वेडिंग जोन का निर्धारण

किया जाएगा। इसके अलावा वेडिंग जोन में छह तरह की मार्केट गलियों में चलने-फिरने वाले, स्थायी मार्केट, नाइट मार्केट, साप्ताहिक मार्केट, फेस्टीवल मार्केट, हैरीटेज मार्केट बनेगी। उनका कहना है कि वेंडर 500 रुपए देकर अपनी रजिस्ट्रेशन करवा कर अपनी आजीविका को स्थायी बना सकता है। नहीं तो वह कहीं भी दुकान नही लगा पाऐंगे। रेहड़ी-फड़ी वालों को रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद वेडिंग जोन में दुकान मिलने के बाद हर माह कमेटी को 500 रुपए फीस देनी होगी तब जाकर यह पैसे वेडिंग जोन के घरेलू खर्चो पर खर्च होंगे। उन्होंने अपील की है कि रेहड़ी-फड़ी वाले रजिस्ट्रेशन करवा शहर को स्मार्ट बनाने के साथ खुद स्मार्ट बने।

chat bot
आपका साथी