भाई वाला चौक: भाई बाला से मिला चौक को नाम, यहां से समािधि के लिए जाती है सड़क Ludhiana News
Bhai wala Chowk पखोवाल रोड पर दाद में उनका समाधि स्थल है। बताते हैं कि शहर से इस समाधि की तरफ जहां से रास्ता निकलता है उस स्थान को पहले से ही भाई बाला चौराहा कहा जाता था।
लुधियाना, [राधिका कपूर]। लुधियाना में फिरोजपुर रोड पर स्थित ‘भाई बाला चौक’ को अनेक लोग ‘भाई वाला चौक’ पुकारते हैं। आइए आज जानें क्यों और कैसे पड़ा इस चौक का नाम। छेवीं पातशाही श्री हरगोबिंद साहिब के आशीर्वाद से ख्याति पाने वाले भाई बाला जी का समाधि स्थल पखोवाल रोड पर गांव दाद में है।
फिरोजपुर रोड के जिस चौक से उनकी समाधि के लिए सड़क जाती है, उसका नाम भाई बाला के नाम पर रखा गया। नगर निगम ने भी नेशनल रोड, पखोवाल रोड और फिरोजपुर रोड के इस चौक का नाम भाई बाला चौक रख दिया। लेकिन अब ज्यादातर लोग इस चौक को भाई वाला चौक कहते हैं। ज्यादातर लोगों को इस चौक का सही नाम पता नहीं है।
गुरु जी ने भाई बाला को दिया था आर्शीवाद
छेवीं पातशाही श्री हरगोबिंद साहिब जी जब 52 राजाओं के साथ मुक्त होकर ग्वालियर से कुड़ानी गांव में पहुंचे थे, तब भाई बाला जी बहुत छोटे थे। बताते हैं कि तब गुरु जी ने उनके सिर पर हाथ रखा था और कहा था कि उन्हें बेहद प्रसिद्धि मिलेगी। इसके कुछ समय बाद वह दाद गांव में आकर रहने लगे और इसी स्थान पर उन्होंने अपना शरीर त्यागा। पखोवाल रोड पर दाद में उनका समाधि स्थल है। बताते हैं कि शहर से इस समाधि की तरफ जहां से रास्ता निकलता है, उस स्थान को पहले से ही भाई बाला चौराहा कहा जाता था।
यह कहते हैं स्थानीय लोग
स्थानीय निवासी पलविंदर सिंह का कहना है कि शहर के ज्यादातर लोगों को नहीं पता कि इस चौक का नाम भाई बाला चौक है। वह आज भी इसे भाई वाला चौक कहते हैं। पुराने लोग ही जानते हैं कि इसका नाम भाई वाला नहीं बल्कि भाई बाला चौक है। जसविंदर सिंह का कहना है कि इस चौक को पहले से भाई बाला चौराह कहा जाता रहा है। दरअसल यहां से उनकी समाधि स्थल का रास्ता था। जब यह एरिया नगर निगम के क्षेत्र में आया तो निगम ने भी इसे भाईबाला चौक का नाम दिया।
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