Ludhiana bomb blast case में जगतार सिंह हवारा बरी, अदालत में साबित नहीं हो पाए आरोप

Ludhiana bomb blast case मेंं जगतार सिंह हवारा को बरी हो गया है। लुधियाना केे घंटाघर चौक पर 1995 में ब्लास्ट हुआ था जिसमें हवारा मुख्य आरोपी था।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 05:15 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 08:54 AM (IST)
Ludhiana bomb blast case में जगतार सिंह हवारा बरी, अदालत में साबित नहीं हो पाए आरोप
Ludhiana bomb blast case में जगतार सिंह हवारा बरी, अदालत में साबित नहीं हो पाए आरोप

जेएनएन, लुधियाना। Ludhiana bomb blast case: लुधियाना की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना की अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के आरोपित व अन्य मामलों में तिहाड़ जेल में बंद आतंकी जगतार सिंह हवारा को 24 वर्ष पूर्व लुधियाना के घंटाघर में हुए बम ब्लास्ट मामले में बरी कर दिया है। अदालत में पेश हुए 23 गवाहों में से किसी ने भी आरोपित की शिनाख्त नहीं की थी।

आतंकवाद के काले दौर के दौरान 1995 में घंटाघर के पास हुए बम ब्लास्ट मामले में आतंकी जगतार सिंह हवारा को कोतवाली थाने की पुलिस ने 6 दिसंबर 1995 को नामजद किया था। 1995 में ही आरडीएक्स बरामदगी मामले में भी हवारा नामजद किया गया था, लेकिन इस मामले की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अरुण वीर विशिष्ट ने करते हुए गत माह ही हवारा को बरी कर दिया था, जबकि घंटा घर बम ब्लास्ट की सुनवाई अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना की अदालत में चल रही थी। इसका फैसला सोमवार को सुनाते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष आतंकी जगतार सिंह हवारा पर लगाए गए आरोपों को साबित करने में असफल रहा है।

24 लोग हुए थे घायल, 23 दिसंबर 1995 को हुआ था गिरफ्तार

1995 में लुधियाना के घंटाघर चौक में हुए बम धमाके में 24 लोग घायल हुए थे। पुलिस ने 23 दिसंबर 1995 को हवारा को गिरफ्तार किया था। पांच अगस्त 1996 को अदालत में चालान दाखिल किया गया। पुलिस ने जगतार सिंह हवारा के अलावा अन्य आरोपितों खमानो निवासी बिक्रमजीत सिंह, परमजीत सिंह भिओरा, रोपड़ निवासी बलजिंदर सिंह और प्रीतम सिंह को भी इसमें नामजद किया था। तत्कालीन अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार की अदालत ने 25 फरवरी 2003 में बिक्रमजीत सिंह को बरी कर दिया था, बलजिंदर सिंह व प्रीतम सिंह को पहले ही भगोड़ा करार दिया जा चुका है।

परमजीत सिंह भिओरा को 30 सितंबर 2016 को डिस्चार्ज कर दिया गया था। पुलिस ने जगतार सिंह हवारा से पूछताछ के दौरान कुंदनपुरी क्षेत्र में बुड्ढे नाले के निकट से पांच किलो आरडीएक्स, एक एके 56, 60 कारतूस, एक रिमोट कंट्रोल व एक वॉकी टॉकी वायरलेस सेट की बरामदगी का दावा किया था। सुनवाई के दौरान हवारा के वकील जसपाल सिंह मझपुर ने अपनी बहस में हवारा को बेकसूर बताते हुए कहा था कि इस मामले में उसका कोई हाथ नहीं है। पुलिस ने उसे बेवजह नामजद किया है। इसके अलावा उन्होंने हवारा के विरुद्ध पुलिस की तरफ से अदालत में दाखिल किए आरोप पत्र में लगाए गए आरोपों को भी निराधार बताया था।

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