Punjab Mosque Controversy : सराय विवाद में दूसरा पक्ष बोला बंटवारे से पहले यहां बनी थी मस्जिद, एसडीएम ने मांगे दस्तावेज

पटियाला के गुजरांवाला मोहल्ले में मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। कुछ लोगों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुरानी इमारत को नया रूप देकर मस्जिद बनवा दी। उनका दावा है कि देश की आजादी से पहले यहां पर गुरु की सराय बनी हुई थी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Fri, 29 Apr 2022 10:38 AM (IST) Updated:Fri, 29 Apr 2022 10:38 AM (IST)
Punjab Mosque Controversy : सराय विवाद में दूसरा पक्ष बोला बंटवारे से पहले यहां बनी थी मस्जिद, एसडीएम ने मांगे दस्तावेज
पटियाला के गुजरांवाला मोहल्ले में मस्जिद को लेकर विवाद बढ़ गया है।

संस, राजपुरा (पटियाला) : यहां के गुजरांवाला मोहल्ले में एक मस्जिद को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। इलाके में रहने वाले कुछ लोगों का कहना है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पुरानी इमारत को नया रूप देकर मस्जिद बनवा दी। उनका दावा है कि देश की आजादी से पहले ही यहां पर गुरु की सराय बनी हुई थी और पिछले 75 वर्ष से उनके मोहल्ले के लोग ही इस सराय की देखभाल करते आ रहे हैं। दूसरी ओर मुस्लिम पक्ष के लोगों का दावा है कि 1947 से पहले ही इस जगह पर मस्जिद थी जिसे उन्होंने नया रूप दिया है। इसे लेकर मामला एसडीएम के पास पहुंच गया है और उन्होंने दोनों पक्षों से दस्तावेज मंगवाए हैं। 

इस संबंध में पंजाब धर्माचार्य विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक चक्रवर्ती, विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष पंडित नरेश शर्मा, गोरक्षा दल के अध्यक्ष सतीश कुमार, बजरंग दल के अध्यक्ष मनोज कुमार मोनू, हिंदू नेता प्रदीप नंदा आदि ने कहा कि गुजरांवाला मोहल्ले में बनी सराय को गुरुद्वारे का स्वरूप दिया गया था, जहां पर हिंदू व सिख समाज के लोग सेवा निभा रहे थे। कुछ समय पहले ही बिना किसी सहमति व मंजूरी से उसे मस्जिद में तबदील करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि उक्त मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई अमल में लाई जाए ताकि इलाके में कोई अप्रिय घटना न घटे।

 वहीं गुजरांवाला मस्जिद के अध्यक्ष अतर हुसैन व इस्लाम अली ने कहा कि एसडीएम दफ्तर ने उनसे जो भी दस्तावेज मांगे गए थे, वह उन्होंने जमा करवा दिए हैं। उन्होंने बताया कि गुज्जरांवाला मोहल्ला में मस्जिद बनी हुई थी। देश के बंटवारे के बाद यहां रहने वाले ज्यादातर लोग इस जगह को छोड़कर चले गए थे, लेकिन जो रह गए, उन्होंने अपनी धरोहर को बचाकर रखा था। इसलिए मस्जिद को नया रूप दिया है।

दोनों पक्षों को सुनकर उनके दस्तावेज भी चेक किए हैं। दोनों पक्षों को नौ मई को सभी दस्तावेज के साथ बुलाया है। सारे दस्तावेज जांचने के बाद ही पता चल पाएगा कि कौन सा पक्ष सही है और कौन गलत कह रहा है। 

- संजीव कुमार, एसडीएम राजपुरा।

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