वार्ड 28 में क्यूलिक्स लारवा मिलने से सेहत विभाग के उड़े होश, ब्रेन फीवर की महामारी फैलने का खतरा

सेहत विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी बड़ी आउटब्रेक की संभावना को देखते हुए उनकी तरफ से चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी आगाह कर दिया है।

By Edited By: Publish:Wed, 30 Oct 2019 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 30 Oct 2019 01:52 PM (IST)
वार्ड 28 में क्यूलिक्स लारवा मिलने से सेहत विभाग के उड़े होश, ब्रेन फीवर की महामारी फैलने का खतरा
वार्ड 28 में क्यूलिक्स लारवा मिलने से सेहत विभाग के उड़े होश, ब्रेन फीवर की महामारी फैलने का खतरा

लुधियाना [आशा मेहता]। ढंडारी खुर्द के वार्ड नंबर 28 में कभी भी ब्रेन फीवर की महामारी फैल सकती है। पिछले तीन साल से सीवरेज जाम के चलते प्रेम नगर, जगदीश कॉलोनी, न्यु दुर्गा कॉलोनी व गरचा कॉलोनी की गलियों व खाली प्लॉटों में जमा गंदे पानी में सेहत विभाग को क्यूलिक्स का लारवा मिल रहा है। लारवा भी अधिक तादाद में पाया जा रहा है। हर इलाके में बड़े स्तर पर क्यूलिक्स लारवा मिलने पर सेहत विभाग के होश फाख्ता हैं। इस मच्छर से जैपनीज़ इनसेफलाइटिस नामक वायरस फैलता है। इसी वायरस से ब्रेन फीवर होता है।

विभाग के अधिकारियों के अनुसार किसी बड़ी आउटब्रेक की संभावना को देखते हुए उनकी तरफ से चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी आगाह कर दिया है जिससे कि समय रहते सिथति को संभाल लिया जाए, वरना हालात खतरनाक हो सकते है। इलाके में दो दिनों तक सर्वे करने पहुंचे डिस्ट्रिक एपिडिमोलॉजिस्ट डॉ. रमेश कुमार ने बताया गलियों में फैले सीवरेज के गंदे पानी से क्यूलिक्स मच्छर का लारवा मिलना गंभीर मामला है। पिछले एक सप्ताह से हो रही मौतों के बाद सेहत विभाग की एंटी लारवा व इनसेक्ट कलेक्टर की कई टीमें इलाके में डोर टू डोर सर्वे कर रही हैं। कई इलाकों में तो नारकीय स्थिति है। गलियों व खाली प्लॉटों के साथ साथ घरों के अंदर तक सीवरेज का पानी भरा हुआ है। पानी पर कीड़े मकौड़ों के अलावा मच्छर पनप रहे हैं। जब उनकी टीम ने गंदे पानी पर मच्छरों की जांच की, तो यह क्यूलिक्स का लारवा निकला।

क्यूलिक्स मच्छर गंदे पानी में होता है। यह मच्छर जैपनीज़ इनसेफलाइटिस नामक वायरस को फैलाता है जिससे ब्रेन फीवर होता है। ऐसे में उन्हें डर है कि जिन राज्यों में क्यूलिक्स मच्छर की वजह से ब्रेन फीवर के मामले काफी आ रहे हैं, अगर उन राज्यों से कोई जैपनी•ा इनसेफलाइटिस नामक वायरस से इंफेक्टेड व्यकित इस इलाके में आ गया और उसे यहां मौजूद क्यूलिक्स मच्छर ने बाइट की तो ब्रेन फीवर की महामारी फैल सकती है। क्योंकि व्यकित को बाइट करने के बाद मच्छर भी संक्रमित हो जाएगा। इसके बाद संक्रमित मच्छर जिस भी व्यकित को काटेगा, वह वायरस से संक्रमित हो जाएगा।

आज दौरा कर सकती है नेशनल बेक्टर बोर्न की स्टेट प्रोग्राम अफसर

जानकारी के अनुसार सेहत विभाग के स्थानीय अधिकारियों ने वार्ड नंबर 28 में क्यूलिक्स लारवा मिलने के बाबत नेशनल बेक्टर बोर्न की स्टेट प्रोग्राम अफसर को सूचित कर दिया गया है। इसके बाद स्टेट प्रोग्राम अफसर डॉ. अनु बुधवार को इलाके में स्थिति का जायजा लेने आ सकती है।

सहयोग न मिलने पर डीसी से शिकायत करेगा सेहत विभाग

जानकारी के मुताबिक बुधवार को डीसी प्रदीप अग्रवाल की ओर से नेशनल बेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम के तहत विभिन्न विभागों की मी¨टग बुलाई जा रही है। यह मीटिंग शाम चार बजे के करीब होगी। मिली जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में नेशनल बेक्टर बोर्न की स्टेट प्रोग्राम अफसर डॉ. अनु भी शामिल होंगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मीटिंग में सेहत विभाग के अधिकारी डेंगू, डायरिया, मलेरिया व दूसरी बेक्टर बोर्न बीमारियों की रोकथाम को लेकर नगर निगम सहित दूसरे विभागों द्वारा गंभीरता न दिखाएं को लेकर अपनी बात रखेंगे। नाम न छापने की शर्त पर सेहत विभाग के कुछ अधिकारियों ने कहा कि शहर में बीमारियों की रोकथाम करने की जिम्मेदारी केवल उनके विभाग की नहीं है। इसमें सभी विभागों का सहयोग जरूरी है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका नगर निगम की है, क्योंकि ज्यादातर इलाकों में दूषित पेयजल, सीवरेज जाम व गंदगी की वजह से ही बीमारियां फैल रही है।

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