कृषि में मिसाल बने इन चार किसानों को राज्य स्तरीय मेले में मिलेगा सम्मान Ludhiana News

मेले में जिन किसानों को सम्मानित किया जाना है उनमें एक महिला भी शामिल है। वहीं प्रवासी भारतीय पुरस्कार के लिए बठिंडा के गांव मंडी खुर्द के किसान जगतार सिंह को चुना गया है।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Fri, 20 Sep 2019 02:14 PM (IST) Updated:Fri, 20 Sep 2019 03:18 PM (IST)
कृषि में मिसाल बने इन चार किसानों को राज्य स्तरीय मेले में मिलेगा सम्मान Ludhiana News
कृषि में मिसाल बने इन चार किसानों को राज्य स्तरीय मेले में मिलेगा सम्मान Ludhiana News

लुधियाना, जेएनएन। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय में 21 व 22 सितंबर को दो दिवसीय राज्य स्तरीय किसान मेला होगा। श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व को समर्पित मेले की थीम पवनु गुरु, पानी पिता, माता धरतु महतु रखा है। इस बार मेले में महिला सहित चार किसानों को सम्मानित किया जाएगा जिसमें प्रवासी भारतीय पुरस्कार के लिए बठिंडा के गांव मंडी खुर्द के किसान जगतार सिंह को चुना है। यह पुरस्कार उन्हें सेल्फ कल्टिवेशन फार्मिंग के लिए दिया जा रहा है। जबकि फाजिल्का के गांव पटरेवाला के किसान रूबाश सिंह को दिलीप सिंह धालीवाल मेमोरियल अवॉर्ड दिया जाएगा।

इसी तरह फरीदकोट के गांव कोठे रामसर ढिलवां कलां के किसान दिलीप सिंह को उजागर सिंह धालीवाल मेमोरियल अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा। वहीं मोगा के गांव अजीतपाल की परमजीत कौर को जगबीर कौर ग्रेवाल अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। यूनिवर्सिटी के निर्देशक प्रसार शिक्षा डॉ. जसकरण सिंह माहल ने बताया कि किसानों के अलावा इस बार मेले में भाई बाबू सिंह बराड़ बेस्ट पोंड अवॉर्ड भी दिया जाएगा। इसके लिए जालंधर की तहसील नकोदर की पंचायत हरिपुर को चुना है। मेले में पहली बार यह ईनाम दिया जा रहा है।

होशियारपुर के टोडरपुर गांव को मिलेगा राज्यपाल पंजाब सर्वोत्तम पुरस्कार

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय की ओर से प्रत्येक वर्ष किसान मेले के दौरान एक ऐसे गांव को राज्यपाल पंजाब सर्वोत्तम पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जिसने कुछ अलग करते हुए दूसरों के लिए मिसाल पेश की हो। इस पुरस्कार के लिए होशियारपुर के गांव टोडरपुर को चुना है। गांव टोडरपुर ने एक अलग पहचान बनाई है। चार सौ तैंतीस घरों वाले इस छोटे से गांव में खेती करने वाले सौ परिवार हैं, जिसमें से साठ छोटे व बीस दरमियाने और बीस बड़े किसान हैं। इन किसानों ने गेहूं व धान के अलावा डेयरी फार्मिंग सहित दूसरे सहायक व्यवसायों को अपनाया है। इस गांव में केवीके होशियारपुर की लगातार कोशिशों से किसान पीएयू की सिफारिश की गई किस्मों को उगाते हैं। पराली और कीट प्रबंधन करते हैं जिससे उनका मुनाफा बढ़ा और खर्चे कम हुए।

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