लेखक अमिश ने 'लेजेंड ऑफ सुहेलदेव' के बारे में बताया

भारतीय साहित्य के रॉकस्टार लेखक नॉवलकार अमिश त्रिपाठी ने फिक्की सदस्यों के साथ अपने लेखन के तजुर्बे साझा किए।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 20 Aug 2020 07:20 AM (IST) Updated:Thu, 20 Aug 2020 07:20 AM (IST)
लेखक अमिश ने 'लेजेंड ऑफ सुहेलदेव' के बारे में बताया
लेखक अमिश ने 'लेजेंड ऑफ सुहेलदेव' के बारे में बताया

जागरण संवाददाता, लुधियाना : भारतीय साहित्य के रॉकस्टार, लेखक, नॉवलकार अमिश त्रिपाठी ने फिक्की सदस्यों के साथ अपने लेखन के तजुर्बे साझा किए। बुधवार शाम फिक्की एफएलओ लुधियाना चैप्टर की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें वे सदस्यों से रूबरू हुए। फिक्की एफएलओ की चेयरपर्सन मन्नत कोठारी ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और बताया कि अमिश शिवा, राम, सीता और रावण किताब के लेखक हैं। इनसे उन्नीस भारतीय भाषाओं के पचास लाख पाठक जुड़े हैं। इसके अलावा वे नेहरू सेंटर लंदन के डायरेक्टर भी हैं।

फिक्की एफएलओ के लिटरेरी सर्कल के तहत आयोजित इस वेबिनार में लिटरेरी सर्कल हेड पूजा चोपड़ा ने भी अमिश का स्वागत किया। फिक्की एफएलओ की पूर्व चेयरपर्सन रह चुकीं मोनिका चौधरी ने मुख्य वक्ता के साथ सवाल-जवाब के कार्यक्रम को आगे बढ़ाते कहा कि इस तरह के चरित्रवान पाठकों के दिलों में बसते हैं और उनके मार्गदर्शक होते हैं। अमिश ने सदस्यों को उनकी हाल ही में लिखी किताब 'लेजेंड ऑफ सुहेलदेव' के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि सुहेलदेव को इतिहास में बहुत कम लोग जानते हैं। उन्होंने भारत के विभिन्न राजाओं और योद्धाओं को एकजुट करने में भूमिका निभाई है। उन्होंने ही तुर्क सेना को हराया था और उन्हीं के दम पर इस सेना ने दोबारा भारत में आने की हिम्मत नहीं की थी।

सदस्यों ने इतिहास से संबंधित प्रश्न भी किए

फिक्की एफएलओ की मेंबर्स ने अमिश त्रिपाठी से इतिहास से संबंधित प्रश्न भी किए। वेबिनार के समापन पर चेयरपर्सन ने कहा कि उक्त किताब से हमें अपनी संस्कृति, इतिहास को नजदीक से जानने का मौका मिलता है।

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