कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनके बेटे रणइंदर पर शिकंजा कसने आई ED को झटका, बिना दस्तावेजों के लौटी टीम

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह की संपत्ति मामले में दस्तावेजों की मांग करने आई प्रवर्तन निदेशालय की टीम को झटका लगा। कैैैैैैप्टन द्वारा अदालत में अर्जी दायर करने के कारण टीम को बैरंग लौटना पड़ा।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 11:18 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 11:18 AM (IST)
कैप्टन अमरिंदर सिंह व उनके बेटे रणइंदर पर शिकंजा कसने आई ED को झटका, बिना दस्तावेजों के लौटी टीम
कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह। (फाइल फोटो)

जेेेेएनएन, लुधियाना। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणइंदर सिंह पर शिकंजा कसने की प्रवर्तन निदेशालय (ED) की कोशिश धरी की धरी रह गई। अमरिंदर सिंह व उनके पुत्र रणइंदर सिंह ने अपने वकील गुरमुख सिंह के माध्यम से सोमवार को ED को फाइलों का निरीक्षण करने से रोकने के आग्रह को लेकर दो अलग-अलग अर्जियां ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नवजोत कौर की अदालत में दायर कर दीं।

मामला अदालत में चले जाने के कारण ED के अधिकारी दस्तावेजों की जांच किए बिना खाली हाथ लौट गए। हालांकि, उन्होंने अदालत में अपनी हाजिरी जरूर लगवाई। ED ने फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम) के तहत लुधियाना की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में लंबित आयकर विभाग की शिकायतों में दस्तावेजों की जांच के लिए लगाई गई उनकी अर्जी मंजूर किए जाने के बाद सोमवार को दो फाइलों का निरीक्षण करना था।

अपने वकील के माध्यम से भेजे गए आवेदनो में कैप्टन व उनके पुत्र ने यह दलील दी कि पहले ही रणइंदर की एक शिकायत में फाइल के निरीक्षण की अनुमति देने के फैसले पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अतुल कसाना ने रोक लगाई हुई है। मामला अदालत में एक अक्टूबर के लिए लंबित है। अगर ED को फाइल देखने से मना नहीं किया जाता है, तो उनके अधिकारों का हनन होगा। कैप्टन और रणइंदर के खिलाफ आयकर विभाग की तरफ से तीन मामले दायर किए गए हैं।

बता दें, ईडी के निशाने पर वह दस्तावेज हैंं जिन्हें विदेशी सरकारों से मंंगवाया गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार एक संधि के मुताबिक़ विदेशी सरकारों से मंगवाए उन दस्तावेज़ों को सिर्फ अदालत में ही पेश किया जा सकता है। उनको किसी अन्य विभाग को नहीं दिया जा सकता। ED विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फ़ेमा) के तहत अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए दस्तावेजों का निरीक्षण करना चाहता है।

शिकायतों में विभाग ने कैप्टन व रणइंदर सिंह पर आरोप लगाया था कि कैप्टन व रणइंदर सिंह की विदेशों में कई चल-अचल संपत्तियां हैंं। आयकर विभाग के अनुसार कैप्टन सिंह ने जानबूझ कर इस संबंधी अपने दस्तावेज भी विभाग से छिपाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कैप्टन व रणइंदर सिंह ने सरकारी अधिकारियों को अपनी ड्यूटी से रोकने व अडचनें पैदा करने की भी कोशिश की। आयकर विभाग ने आरोप लगाया है कि उन्होंने बकायदा कैप्टन अमरिंदर सिंह को एक नोटिस भी भेजा था व जवाब देने के लिए कहा था, लेकिन कैप्टन सिंह ने कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

आयकर विभाग द्वारा उपरोक्त शिकायत विभाग की अमनप्रीत कौर की ओर से दायर की गई थी। आयकर विभाग ने शिकायतों में दावा किया था कि जांच के दौरान रणइंदर ने उसे गुमराह किया और दावा किया कि उसके पास परिवार की आय और विदेश में ट्रस्ट से संबंधित दस्तावेज हैं। 

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