मार्केट की नब्ज को भांप बढ़ाए कदम, कारोबार में बदलाव कर बनाई अलग पहचान Ludhiana News

सुपरकिड्स निटवियर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरिंदर धवन के बेटे पुनीत धवन और सौरव धवन ने अपनी स्कूली शिक्षा कुंदन विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की।

By Edited By: Publish:Mon, 14 Oct 2019 08:00 AM (IST) Updated:Mon, 14 Oct 2019 11:06 AM (IST)
मार्केट की नब्ज को भांप बढ़ाए कदम, कारोबार में बदलाव कर बनाई अलग पहचान Ludhiana News
मार्केट की नब्ज को भांप बढ़ाए कदम, कारोबार में बदलाव कर बनाई अलग पहचान Ludhiana News

लुधियाना, [राजीव शर्मा]। डिजाइनर किड्स गारमेंट्स में अग्रणी ब्रांड सुपरकिड्स के दो युवा डायरेक्टर्स पुनीत धवन एवं सौरव धवन ने वक्त की नजाकत को समझा, मार्केट की नब्ज को पहचाना और उसके अनुसार ही अपने कारोबार में बदलाव कर मार्केट में अपनी पहचान बनाई। अब सुपरकिड्स के गारमेंट देश के तमाम मार्केट में मल्टीब्रांड आउटलेट्स पर मौजूद हैं। इसके अलावा आने वाले वक्त में कंपनी निर्यात के क्षेत्र में भी हाथ आजमाने की फिराक में है। इसके लिए संभावनाओं को टटोला जा रहा है। साथ ही उत्पादन क्षमता में विस्तार के मकसद से जीटी रोड पर नया यूनिट लगाने की योजना बनाई जा रही है, नए यूनिट में अगले दो साल के भीतर उत्पादन शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

सुपरकिड्स निटवियर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर सुरिंदर धवन के बेटे पुनीत धवन और सौरव धवन ने अपनी स्कूली शिक्षा कुंदन विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की। उन्होंने एससीडी सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री हासिल की। शिक्षा पूरी करने के बाद पुनीत ने वर्ष 1998 में और सौरव ने वर्ष 2002 में पारिवारिक बिजनेस को ज्वाइन कर लिया। शुरुआत में कैलाश सिनेमा के नजदीक सिंडिकेट बिल्डिंग में सुरिंदर धवन बच्चों के स्वेटर्स एवं पुलोवर की प्रोडक्शन करते थे।

कारोबार के विस्तार के लिए समझीं बिजनेस की बारीकियां

पुनीत ने बिजनेस ज्वाइन करने के तुरंत बाद ही पिता एवं भाई की सलाह से इसमें विस्तार करने की ठान ली। उन्होंने बिजनेस की बारीकियां समझी। प्रोडक्शन, मार्केटिंग, फाइनांस इत्यादि में हाथ आजमाया और वर्ष 2001 में हंबड़ा रोड स्थित नया यूनिट शुरू कर दिया। इसके बाद सौरव भी उनके साथ बिजनेस में आ गए और दोनों भाईयों ने मेहनत करके ब्रांड को बाजार में स्थापित कर दिया। उनका मानना है कि पहले होजरी सर्दी से बचने के लिए लोग पहनते थे, लेकिन अब यह फैशन स्टेटमेंट भी बन गई है। ऐसे में दोनों भाईयों ने सर्वे किया और नई इनोवेशन, डिजाइ¨नग के साथ गारमेंट पेश किए।

विदेशों में घूम देखते हैं तकनीक

पुनीत और सौरव अब भी वे यूरोप, टर्की, चीन समेत विश्व के कई देशों में घूम कर जहां एक तरफ फैशन के ट्रेंड को समझते और पढ़ते हैं, वहीं नई तकनीक का भी आकलन करते हैं, ताकि विश्व स्तरीय तकनीक से उम्दा क्वालिटी के उत्पाद बना कर बाजार में मार्केट किए जा सकें।

कंप्यूटराज्ड मशीनों को किया स्थापित

शुरुआत में हैंड फ्लैट मशीनों का दौर था, लेकिन वक्त के साथ डिजिटल पूरी तरह से कंप्यूटराज्ड मशीनों का जमाना आया। दोनों भाईयों ने चीन समेत कई देशों से आयात कर आधुनिक मशीनों को स्थापित किया। अब तमाम मशीनरी पूरी तरह से कंप्यूटराज्ड है। इसके अलावा अब वे बच्चों के निटिंग के अलावा टेक्सटाइल के गारमेंट, स्वेट शर्ट समेत हर तरह के गारमेंट बना रहे हैं।

ईमानदारी, टीम वर्क कामयाबी के मूल मंत्र

पुनीत और सौरव का मानना है कि इस कारोबारी सफर में पिता का अहम रोल है। हर कदम पर उनका मार्गदर्शन मिला है और उनकी सलाह से ही रास्ते तय किए गए हैं। कारोबार में ईमानदारी, टीम वर्क, तुरंत फैसले लेने की काबलियत, ग्राहक को वैल्यू फॉर मनी गारमेंट मुहैया कराना उसकी कामयाबी के मूल मंत्र हैं। फिटनेस को लेकर रहते हैं सजग दोनों भाई अपनी फिटनेस को लेकर सजग रहते हैं और कारोबारी व्यस्तताओं के बावजूद वे जिम जाकर वर्कआउट अवश्य करते हैं। इसके अलावा ट्रेवलिंग में भी उनको आनंद मिलता है।

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