Ludhiana MC Meeting: नगर निगम की बैठक में कमिश्नर देरी से पहुंची, पार्षदाें ने किया जमकर हंगामा

Ludhiana MC Meeting नगर निगम जनरल हाउस की बैठक में मंगलवार काे शुरू हाेते ही हंगामा हाे गया। मीटिंग का समय सुबह 1100 बजे था। कमिश्नर के हाउस में नहीं पहुंचने पर पार्षदों ने हंगामा करते कहा कि यह गलत है।

By Varinder RanaEdited By: Publish:Tue, 04 Oct 2022 11:46 AM (IST) Updated:Tue, 04 Oct 2022 11:48 AM (IST)
Ludhiana MC Meeting: नगर निगम की बैठक में कमिश्नर देरी से पहुंची, पार्षदाें ने किया जमकर हंगामा
Ludhiana MC Meeting: लुधियाना नगर निगम की बैठक में हंगामा। (जागरण)

जागरण संवाददाता, लुधियाना। Ludhiana MC Meeting: नगर निगम जनरल हाउस की बैठक मंगलवार काे शुरू हाेते ही हंगामा हाे गया। बैठक में निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल के देरी से पहुंचने पर पार्षदाें ने सवाल उठाए हैं। मीटिंग का समय सुबह 11:00 बजे था। कमिश्नर के हाउस में नहीं पहुंचने पर पार्षदों ने हंगामा करते कहा कि यह गलत है।

इसके कुछ देर बाद निगम कमिश्नर जनरल हाउस की बैठक में पहुंच गई है। इसके बाद ही सभी पार्षद शांत हो गए हैं। मेयर बलकार सिंह संधू ने कहा कि टीएस वन सर्टिफिकेट पर बिल्डिंग ब्रांच की रिपोर्ट नहीं होगी। साेमवार काे आल पार्टी मीटिंग में सहमति बन गई है। एजेंडा से पहले जीरो ऑवर होगा।

इंडस्ट्री के लिए अलग से फंड बनाने की मांग

इसल दाैरान जसपाल ग्यासपुरा ने कहा कि जोनल कमिश्नर बैठक नही करते। लास्ट हाउस में भी यही फैसला हुआ था हर माह जोनल कमिश्नर पार्षदों के साथ बैठक करेगे कुछ नहीं हुआ। इंडस्ट्री एरिया के रोड की हालत खराब है। हमें इंडस्ट्री पर ध्यान देना होगा। इंडस्ट्री के लिए अलग से फंड रखा जाए। शेरपुर चोक से शाम के बाद निकलना मुश्किल होता है। इस समस्या का भी समादान किया जाना जरूरी है।

भाजपा की निगम कमिश्नर से मांग, टीएस वन सर्टिफिकेट को बनाया जाए सरल

सोमवार को जिला भाजपा की तरफ से निगम कमिश्नर शेना अग्रवाल को एक ज्ञापन दिया है। इसमें टीएस वन सर्टिफिकेट के साथ बिल्डिंग रिपोर्ट को जोड़ने का विरोध किया गया है। इसके अलावा शहर के कई मुद्दों के बारे में ज्ञापन पत्र लिखकर लोगों को राहत देने की मांग की गई है। भाजपा निकाय विभाग सेल प्रधान इंदर अग्रवाल ने बताया कि निगम में यह प्रस्ताव पहले से पारित हो चुका है कि साल 2012 के बाद बनी इमारतों की निगम में रजिस्ट्रेशन के लिए नक्शा पास करवाना, कंपाउंडिंग फीस और अन्य चार्ज लेना जरूरी है। इससे पहले की इमारतों के बनने के सबूत देने पर प्रापर्टी टैक्स भरने के साथ प्रापर्टी नंबर लगाया जा सकता है। निगम ने विभिन्न बिल्डिंग मालिकों से लगभग 20 करोड़ रुपये लेने हैं। इस वसूली को टीएस वन सर्टिफिकेट के साथ जोड़ लोगों को परेशान किया जाएगा।

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