सिविल अस्पताल से प्लेटलेट्स लेकर भागने वाले दर्जा चार कर्मी को अस्पताल ने निकाला Ludhiana News

एसएमओ ने बताया कि ठेके पर रखा गया दर्जा चार कर्मी मरीज के लिए जारी किए किए दो यूनिट प्लेटलेट्स लेकर भागा था। हालांकि कर्मी ने बाद में प्लेटलेट्स ब्लड बैंक में वापस लाकर दे दिए थे।

By Edited By: Publish:Mon, 04 Nov 2019 07:00 AM (IST) Updated:Mon, 04 Nov 2019 11:09 AM (IST)
सिविल अस्पताल से प्लेटलेट्स लेकर भागने वाले दर्जा चार कर्मी को अस्पताल ने निकाला Ludhiana News
सिविल अस्पताल से प्लेटलेट्स लेकर भागने वाले दर्जा चार कर्मी को अस्पताल ने निकाला Ludhiana News

लुधियाना, जएनएन। सिविल अस्पताल से दो यूनिट प्लेटलेट्स लेकर भागने वाले दर्जा चार कर्मी को निकाल दिया गया। यह कार्रवाई अस्पताल प्रबंधन ने दो दिन की जांच के बाद की है। अस्पताल के एसएमओ डॉ. अविनाश जिंदल ने बताया कि दो डॉक्टरों द्वारा की गई जांच में दर्जा चार कर्मी भूषण दोषी पाया गया। एसएमओ ने बताया कि ठेके पर रखा गया दर्जा चार कर्मी मरीज के लिए जारी किए किए दो यूनिट प्लेटलेट्स लेकर भागा था। हालांकि, कर्मी ने बाद में प्लेटलेट्स ब्लड बैंक में वापस लाकर दे दिए थे, लेकिन फिर भी इस गलती के लिए कार्रवाई की गई है।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश बग्गा के भी निर्देश थे कि इस दर्जा चार कर्मी के प्रति नरमी न बरती जाए। डॉ. जिंदल ने कहा कि इस कार्रवाई से दूसरे मुलाजिमों को भी संदेश गया है कि वह कोई भी ऐसा काम न करें, जिससे मरीजों को परेशानी आए या अस्पताल की छवि खराब हो। बता दें कि दैनिक जागरण की तरफ से इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करते हुए अस्पताल में हुई इस लापरवाही को बताया गया था। इसके अगले ही दिन एसएमओ ने जांच के आदेश दिए थे और अब जाकर इस मामले में कार्रवाई की गई है।

दैनिक जागरण की तरफ से प्रकाशित समाचार की प्रति।

यह था मामला

दरअसल, 31 अक्टूबर को सर्जिकल वार्ड में मोती नगर की महिला सावित्री देवी भर्ती थी। मेडिसन के डॉक्टर ने दो यूनिट प्लेटलेट्स चढ़ाने को कहा। प्रीतम कुमार मां के लिए ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स लेने गया तो लैब टेक्नीशियन ने डोनर लाने की बात कही। तभी दर्जा चार कर्मी भूषण ने उसे प्लेटलेट्स का इंतजाम करके देने की बात कही और बदले में पांच हजार रुपये मांगे। वह कर्मी ब्लड बैंक में गया। वहां उसने ट्रे¨नग पर आने वाली स्टूडेंट के नाम दो यूनिट प्लेटलेट्स इश्यू करवाए और फिर प्रीतम को देने गया। जब उसने पांच हजार रुपये देने से मना किया, तो वह प्लेटलेट्स के दोनों यूनिट लेकर भाग गया।

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