पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री को बड़ी राहत, गुुजरात व छत्तीसगढ़ से मिले 4.5 लाख के आर्डर

पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री को बड़ी राहत मिली है। कोरोना के कारण रुकी साइकिलों के टेंडर की प्रक्रिया फिर से शुरू हो गई है। कई राज्यों की सरकारें आर्डर देने की तैयारी में हैैं इससे इंडस्ट्री की उम्मीद बढ़ी है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Fri, 02 Apr 2021 12:20 PM (IST) Updated:Fri, 02 Apr 2021 12:20 PM (IST)
पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री को बड़ी राहत, गुुजरात व छत्तीसगढ़ से मिले 4.5 लाख के आर्डर
पंजाब की साइकिल इंडस्ट्री को मिले गुजरात व छत्तीसगढ़ से आर्डर। फाइल फोटो

लुधिायना [मुनीश शर्मा]। कोविड के कारण वर्ष 2020 में टेंडर प्रक्रिया रुकने से धीमे चल रहे साइकिल उद्योग को बड़ी राहत मिली है। अब यह इंडस्ट्री फिर से पटरी पर लौटने लगी है। राज्य सरकारों ने एक बार फिर साइकिल के टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। पांच प्रमुख राज्यों के टेंडर इसमें अहम रोल निभाने वाले हैं।

सालाना दो करोड़ साइकिलों का निर्माण करने वाली साइकिल इंडस्ट्री भले ही स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की वजह साइकिल की बिक्री बढऩे से उत्साहित है, लेकिन अपनी कुल प्रोडक्शन का 25 फीसद यानी पचास लाख साइकिलों की बिक्री टेंडर के जरिए करने वाली साइकिल इंडस्ट्री को टेंडरों से एक बड़ी राहत है।

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पिछले साल साइकिल के सरकारी आर्डर नहीं मिले थे। इस बार गुजरात सरकार से ढाई लाख और छत्तीसगढ़ से दो लाख साइकिलों का आर्डर आया है। इसके अलावा राजस्थान से इस साल छह लाख, मध्य प्रदेश से पांच लाख और झारखंड से तीन लाख साइकिलों के आर्डर की उम्मीद है।

आल इंडिया साइकिल मैन्यूफेक्चरर एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं एवन साइकिल लिमिटेड के सीएमडी ओंकार सिंह पाहवा के मुताबिक कई राज्य सरकारों ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इससे साइकिल इंडस्ट्री को अच्छे रिस्पांस की उम्मीद है। इससे न केवल बड़े साइकिल निर्माता बल्कि इसके पुर्जों का निर्माण करने वाली कंपनियों को खासा लाभ होगा।

पिछले साल टेंडर न के बराबर रहे। इस साल डेढ़ से दो गुणा साइकिल के आर्डर निकालने भी योजना है। कोहिनूर साइकिल के एमडी अनिल सचदेवा के मुताबिक इस समय इंडस्ट्री गंभीर दौर से गुजर रही है। राज्य सरकार को कोविड से बचाव और ट्रांसपोर्टेशन के लिए साइकिलों के वितरण पर फोकस करना चाहिए। कई राज्य सरकारों के आर्डर आ रहे हैं, जो इंडस्ट्री के लिए लाभदायक होंगे।

हर साल किस प्रदेश से कितने टेंडर

कर्नाटक 5 लाख पश्चिम बंगाल 15 लाख तमिलनाडु 7 लाख झारखंड 3 लाख मध्यप्रदेश 2.60 लाख राजस्थान 2 लाख पंजाब 1 लाख छत्तीसगढ़ 2 लाख गुजरात 2.6 लाख असम 1.5 लाख उत्तराखंड 50 हजार हरियाणा 50 हजार त्रिपुरा 50 हजार 

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