अपना ब्रांड बनाने से कारोबारियों को होगा फायदा, जीएसटी ऐतिहासिक कदम : बदनौर

बदनौर ने बताया कि चंद साल पहले आस्ट्रेलियन कंपनी ने भारतीय कंपनी से करार करने को सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया कि यहां जीएसटी लागू नही था।

By Ankit KumarEdited By: Publish:Thu, 21 Sep 2017 02:22 PM (IST) Updated:Thu, 21 Sep 2017 02:23 PM (IST)
अपना ब्रांड बनाने से कारोबारियों को होगा फायदा, जीएसटी ऐतिहासिक कदम : बदनौर
अपना ब्रांड बनाने से कारोबारियों को होगा फायदा, जीएसटी ऐतिहासिक कदम : बदनौर

जेएनएन, लुधियाना। लुधियाना मैनेजमेट एसोसिएशन द्वारा होटल पार्क प्लाजा मे करवाए गए 39वें वार्षिक समारोह मे मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे। पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने खुलासा किया कि वह खुद सात साल एस्कोर्ट ग्रुप ऑफ कंपनीज में नौकरी कर चुके है। इसलिए उनको इंडस्ट्री की समस्याओं की भलीभांति जानकारी है।

बदनौर ने जीएसटी को एक क्रांतिकारी कदम बताया तो कारोबारियों को अपना ब्रांड स्थापित करने का सुझाव भी दिया। बदनौर ने बताया कि चंद साल पहले आस्ट्रेलियन कंपनी ने भारतीय कंपनी से करार करने को सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया कि यहां जीएसटी लागू नही था।

खुद के ब्रांड को मजबूत करे

बदनौर ने लुधियानवियों की तारीफ करते हुए कहा कि साइकिल, ऑटोपा‌र्ट्स, होजरी-गारमेट्स, सिलाई मशीन पा‌र्ट्स क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों की वजह से ही आज लुधियाना विश्व विख्यात इंडस्ट्री है। अपने ब्रांड को मजबूत करने पर फोकस करने का सुझाव देते हुए उन्होंने सोनी ब्रांड का किस्सा भी कारोबारियों से शेयर किया।

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बताया सोनी का किस्सा

बदनौर ने बताया कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद जापान पूरी तरह से तबाह हो गया था। 9146 मे सोनी कंपनी के मालिक ओकियो मोरिटा ने छोटे स्तर पर कारोबार की शुरुआत कर ट्रांजिस्टर और रेडियो बनाया और अमेरिका मे इनकी मार्केट करनी शुरू की थी। क्वालिटी के दम पर ऑर्डर मिलने शुरू हो गए। आज अपने ब्रांड और प्रोडक्ट्स की क्वालिटी के बूते पर सोनी विश्वविख्यात है।

अपनी होम सिटी राजस्थान के भीलवाड़ा की मिसाल देते हुए बदनौर ने बताया कि एलएम झुनझुन वाला ने एक इडस्ट्री लगाई थी, आज वहा सैकड़ों इडस्टि्रयल यूनिट लगने के बाद वह मानचेस्टर हब बन गया है। 1970 के दशक मे टाटा-बिरला के अलावा मात्र 20 कंपनियों का बोलबाला था। उन दिनों उन्हें एस्कोर्ट कंपनी में करीब 7 साल काम करने का मौका मिला। तब उन्हें मालूम हुआ कि प्रोडक्टिविटी, मार्केटिग और ह्यूमन रिसोर्स कारोबारी में महत्वपूर्ण अंग है।

इन शख्सियतों को किया सम्मानित

-हीरो फिन कॉरपोरेशन दिल्ली के अभिमन्यु मुजाल को ट्राइडेट अवार्ड फॉर यग इनोवेशन इटरप्रिन्योर।

-अबर इटरप्राइजेज गुरुग्राम के दलजीत सिह को वर्धमान अवॉर्ड फॉर आंत्रप्रन्योर। -एचडीएफसी बैक के जोनल मैनेजर जतिदर गुप्ता को दयानद मुजाल अवार्ड फॉर मैनेजर।

-नोबल फाउडेशन के चेयरमैन राजिदर शर्मा को हरीचद अवार्ड फॉर कारपोरेट सिटीजन।

-गगा एक्रोवूल्स लिमिटेड के डॉक्टर रविदर वर्मा को सोहन लाल पाहवा अवार्ड फॉर इमर्जिग एसएमई।

- रिटायर्ड चीफ ऑफ इडियन आर्मी बिक्रम सिह को सतपाल मिलाल लाइफटाइम अचीवमेट अवार्ड।

 

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