जो देता है वही पाता है : अरुण मुनि

श्री अरुण मुनि महाराज ठाणा-6 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 06:36 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 06:36 PM (IST)
जो देता है वही पाता है : अरुण मुनि
जो देता है वही पाता है : अरुण मुनि

संस, लुधियाना : संघशास्ता शासन प्रभावक गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल महाराज के सुशिष्य आगमज्ञाता गुरुदेव श्री अरुण मुनि महाराज ठाणा-6 एसएस जैन स्थानक सिविल लाइंस में सुखसाता विराजमान हो गए है। इस अवसर पर गुरुदेव अरुण मुनि म. ने कहा कि कभी-कभी दूसरों का भला करना भी सीखो। अगर आप दूसरों का भला करोगे, तो वही किया हुआ दूसरों का भला आपके लिए उल्टा होकर लाभ बनकर आता है। लेना ही लेना लोभ है। लेना देना मनुष्य धर्म है। देना ही देना संत का धर्म है।

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। मनुष्य को केवल अपने लिए नहीं जीना, बल्कि दूसरों का भला करके भी जीना है। दुनिया का नियम है जो लुटाओगे, वही लौटकर आएगा। जो औरों को ठगता है। वह एक दिन खुद भी ठगा जाता है। जो देता है, वही पाता है। जरा देकर तो देखो। मांगने पर देना अच्छा है, लेकिन जरूरत समझकर बिना मांगे देना और भी अच्छा है। जरूरत पाप नहीं है, जरूरत से ज्यादा रखना पाप है। अरे सत्य और ईमान का व परोपकार का रास्ता स्वर्ग में जाकर खत्म होता है। दुर्भाग्य है कि आज सत्यावदियों, ईमानदारों और परोपकारी लोगों का अकाल सा पड़ा गया है। क्यों?, क्योंकि अब लोगों का विश्वास है कि अब ईमानदारी के दिन लद गए हैं। वे तर्क देते हैं कि टेढे़-मेढे़ वृक्षों को कोई नहीं छेड़ता वहीं, सीधे वृक्ष हमेशा ही काटे जाते है। मेरा कहना है सच्चाई के दिन कभी नहीं लदते। कीमती फर्नीचर हमेशा सीधी स्पाट लकड़ी का ही बनता है। उन्होंने कहा कि दूसरों की भलाई करना अच्छा है, लेकिन अपनी बुराई ढूंढ़ना और भी अच्छा है। सत्य बोलना अच्छा है पर दूसरों के प्राणों की रक्षा के लिए झूठ बोलना ओर भी अच्छा है। कर्ज चुकाना अच्छा है, पर अच्छाई का आमंत्रण और भी ज्यादा अच्छा है।

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