नहीं बिकने देंगे हिदू देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखे

शहर में हिदू देवी-देवताओं की फोटो लगा कोई भी पटाखा या अन्य आतिशबाजी नहीं बिकने दी जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 02:34 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 06:08 AM (IST)
नहीं बिकने देंगे हिदू देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखे
नहीं बिकने देंगे हिदू देवी-देवताओं की फोटो वाले पटाखे

जागरण संवाददाता, कपूरथला : शहर में हिदू देवी-देवताओं की फोटो लगा कोई भी पटाखा या अन्य आतिशबाजी नहीं बिकने दी जाएगी। यह चेतावनी शहर के विभिन्न हिदू संगठनों ने संयुक्त रूप से दी है। इसी को लेकर विभिन्न हिदू संगठनों के नेता मंगलवार को डिप्टी कमिश्नर आफिस उन्हें मांग पत्र देने पहुंचे। डीसी साहिब की अनुपस्थिति में उन्होंने मांग पत्र सुपरिटेंडेंट बिदरपाल को सौंपा।

उक्त नेताओं ने पत्रकारों को बताया कि हिदू देवी-देवताओं की फोटो लगे पटाखे चलाना वैसे भी देवताओं का अपमान है। लक्ष्मी बम, सरस्वती बम आदि नामों से बेचे जाने वाले पटाखों से धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं। दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है और उन्हीं के नाम व चित्र के पटाखों को फोड़ना भावनाओं को आहत करता है इसलिए देवी-देवताओं के चित्रयुक्त पटाखों की बिक्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।

हिदू नेताओं ने कहा कि अगर किसी ने भी महालक्ष्मी जी के तस्वीर वाले पटाखे बेचते हुए पाए गए तो ऐसे दुकानदारों के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने पर पर्चा दर्ज करवाया जाएगा। इस मौके पर श्री शनि सेना संगठन के राष्ट्रीय प्रधान राकेश भार्गव, श्रीराम सेना के राष्ट्रीय प्रधान जतिदर छाबड़ा, राष्ट्रीय उप प्रधान अनिल शुक्ला, पंजाब प्रधान दीपक छाबड़ा, बजरंग दल के जिला प्रधान जीवन प्रकाश वालिया, रमिदर बावा, विक्रम सेतिया, विनोद लूंबा, विनय, सोनू शेरगिल, कैली छाबड़ा, मुकेश कुमार, रिकू छाबड़ा, सागर छाबड़ा, गौरव शर्मा, कर्ण शर्मा, साडा सिंह आदि मौजूद थे। बिना लाइसेंस के भी बिक रहे हैं पटाखे

विभिन्न नेताओं ने कहा कि दीपावली के मौके पर किसी भी अनहोनी घटना को रोकने के लिए जहां पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने प्रशासन को सख्त हिदायतें जारी की हैं, वहीं शहर में प्रशासन की नाक तले कई जगह बिना लाइसेंस के पटाखों की बिक्री की जा रही है। कई रिहायशी इलाकों में पटाखा बेचने वालों ने बड़ी तादाद में पटाखों को स्टोर करके रखा है, जो किसी भी समय बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इसलिए जिला प्रशासन को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

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