रायपुर अराइया में तीन बम मिलने से दहशत, बीडीडीएस दस्ते ने किए नष्ट

जिले की भुलत्थ तहसील के थाना ढिलवां में पड़ते गांव रायपुर अराइयां में पंचायत की ओर से बुधवार को गलियों को ऊंचा करने के लिए डाली जा रही मिट्टी से तीन जिदा बम मिलने से दहशत फैल गई।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Nov 2019 02:01 AM (IST) Updated:Thu, 21 Nov 2019 06:11 AM (IST)
रायपुर अराइया में तीन बम मिलने से दहशत, बीडीडीएस दस्ते ने किए नष्ट
रायपुर अराइया में तीन बम मिलने से दहशत, बीडीडीएस दस्ते ने किए नष्ट

जागरण संवाददाता, नडाला (कपूरथला) : जिले की भुलत्थ तहसील के थाना ढिलवां में पड़ते गांव रायपुर अराइयां में पंचायत की ओर से बुधवार को गलियों को ऊंचा करने के लिए डाली जा रही मिट्टी से तीन जिदा बम मिलने से दहशत फैल गई। बम 35 साल पुराना माना जा रहा है। इस तरह के बम सेना के पास होता है जिसका युद्ध में इस्तेमाल होता है।

गांव के सरपंच ने थाना ढिलवां की पुलिस को बम मिलने के बारे में सूचना दी। घटनास्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बम बरामद होने वाली जगह की घेराबंदी कर ली तथा लोगों को वहां पर आने से रोक दिया। बम मिलने से ग्रामीणों के चेहरे पर चिता की लकीरें साफ नजर आ रही थी। बाद दोपहर डेढ़ बजे पीएपी जालंधर से पहुंचे बीडीडीएस ((बम डिटेक्शन एंड डिस्पोजल स्क्वायड) दस्ते की छह सदस्यों की टीम ने शाम चार बजे ब्यास के मंड क्षेत्र खाली जगह में बम को डिफ्यूज कर दिया।

गांव रायपुर अराइया के सरपंच भूपिदर सिंह ने बताया कि पंचायत की तरफ से गांव की गलियों को ऊंचा करने के मंड क्षेत्र से मिट्टी लाई जा रही थी। देर शाम ट्रालियों में भरकर लाई गई मिट्टी को जब सुबह के समय गलियों में समतल किया जा रहा था तो मिट्टी में से तीन बम निकली। थाना ढिलवां के एएसआइ परमजीत सिंह एवं थाना प्रभारी परमजीत सिंह पुलिस फोर्स के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और बम वाली जगह को घेराबंदी करके लोगों को नजदीक आने से रोक दिया।

इन बमों के मिलने को लेकर कई तरह के कयास भी लगाए जा रहे हैं। मिट्टी से लिपटे और जंग लगे इन बमों की हालत को देख कर लगा है कि यह कई सालों तक मिंट्टी के नीचे दबे पड़े रहे। बताया जा रहा है कि ब्यास के किनारे गांव शेरो बाघा के पास सेना की तरफ से पुराने बम बेकार करने के लिए एक प्वाइंट बनाया हुआ है। हो सकता यह बम सेना की तरफ से बेकार करते समय मिस होकर दरिया से पार इस क्षेत्र में आ गिरे।

यह भी माना जा रहा है कि 30 साल पुराने यह बम किसी युद्ध के दौरान वहा पर गिरे और बिना चले पड़े रहे।

बम डिफ्यूज करने के दौरान हुआ धमाका

जालंधर से आए बम निरोधक दस्ते के इंचार्ज एएसआइ हंसराज के नेतृत्व में छह सदस्यों की टीम ने बम को ब्यास दरिया के मंड एरिया के सुनसान एरिया में ले जाकर शाम चार बजे के करीब डिफ्यूज कर दिया। बम डिफ्यूज करते समय एक धमाका भी हुआ।

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