गुरु ही करवाता है परमात्मा से साक्षात्कार

संवाद सहयोगी, कपूरथला दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में सत्संग करवाया गया। इस दौरान सर्व श्री

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Jun 2018 05:35 PM (IST) Updated:Mon, 25 Jun 2018 05:35 PM (IST)
गुरु ही करवाता है परमात्मा से साक्षात्कार
गुरु ही करवाता है परमात्मा से साक्षात्कार

संवाद सहयोगी, कपूरथला

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान आश्रम में सत्संग करवाया गया। इस दौरान सर्व श्री आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी बल¨वदर भारती ने प्रवचनों में बताया कि जब तक ब्रह्माज्ञान प्रदाता गुरु हमारे जीवन में नहीं आते, तब तक ध्यान का लगना और जीवन का कल्याण संभव नहीं। साध्वी ने कहा कि हमारे धार्मिक ग्रंथ हमें कहते हैं कि जो व्यक्ति शास्त्र विधि को छोड़कर अपनी इच्छा से मनमाना आचरण करता है, वह न तो सिद्धी को प्राप्त करता है, न परम गति को और न ही सुख को। शास्त्रों के सिद्धांत हर युग में हर मनुष्य के लिए समान ही रहे हैं।

इन्हीं सिद्धांतों के अनुसार ध्यान क्या है, कैसे है और कब लगता है। इसके लिए किए ही शाश्वत विधित है, पूर्ण गुरु की कृपा के द्वारा दिव्य-चक्षु को प्राप्त करना। इसे दिव्य दृष्टि भी कहते हैं। कर्म पुराण में देवी मां कहते हैं कि इस दिव्य दृष्टि द्वारा जिनके जीवन से आत्माओं का अज्ञानता का अंधकार खत्म हो चुका है, वह भगत ही सदा आनंदित रहते है। इस ब्रह्मा विद्या को जिसने प्राप्त कर लिया वह धन्य हो जाता है, महान हो जाता है। ब्रह्माज्ञान की प्राप्ति स्वयं प्रयासों से संभव नहीं है। इसके लिए एक ब्रह्मानिष्ठ तत्वदर्शी गुरु की जरूरत है। ब्रह्मातत्व का दर्शन कराने वाले गुरु को माता-पिता से भी श्रेष्ठ कहा गया है। क्योंकि माता-पिता से प्राप्त जीवन तो नष्ट हो जाता है, ¨कतु गुरु द्वारा प्राप्त आत्मा का जीवन कभी नष्ट नहीं होता। इसलिए ऐसे ब्रह्माज्ञान प्रदाता गुरु से कभी धोखा नहीं करना चाहिए। यही शास्त्र का सिद्धांत है। इस दौरान साध्वी रमन भारती ने सुंदर भजनों का गायन भी किया। इसी के साथ अंत में हलवा प्रसाद का वितरित किया गया।

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