कण-कण में समाई है प्रभु की ज्योति : साध्वी

संवाद सहयोगी, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान कपूरथला आश्रम में सत्संग का आयोजन किया

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Sep 2018 06:52 PM (IST) Updated:Mon, 17 Sep 2018 06:52 PM (IST)
कण-कण में समाई है प्रभु की ज्योति : साध्वी
कण-कण में समाई है प्रभु की ज्योति : साध्वी

संवाद सहयोगी, कपूरथला : दिव्य ज्योति जागृति संस्थान कपूरथला आश्रम में सत्संग का आयोजन किया गया। इस मौके पर आशुतोष महाराज जी की शिष्य साध्वी रमन भारती ने प्रवचन करते हुए बताया कि संत, ऋषियों व गुरुओं ने परमात्मा को प्रकाश रूप बताया है। सभी धार्मिक ग्रंथ, वेद, शास्त्र, उपनिषद आदि ने भी परमात्मा को ज्योति स्वरूप ही कहा है। वे परमात्मा कणकण में प्रकाश रूप में समाया हुआ है। जिस प्रकार वनों की लकड़ी में आग होती है तथा युक्ति के द्वारा प्रकट होती है उसी प्रकार परमात्मा की ज्योति भी कणकण में समाई हुई है, परंतु गुप्त है, जरूरत है कि उस युक्ति की जिसके द्वारा हम अंतर से उस ज्योति का दर्शन कर सके। हर प्राणी का मूल रूप वह ज्योति ही है। वही हमारा वास्तविक स्वरूप है। जिस परम प्रकाश की प्राप्ति इस मनुष्य तन में ही सुलझा है, जब जीव को ज्ञान की दीक्षा मिलती है, तो सतगुरु जीव के हृदय में उस परम ज्योति को प्रकट करते हैं। गुरु के दर्शनों की पहचान वह नहीं है, जो आज संसार कह रहा है।

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