एनजीटी की बैठक में उठा बेई में मरी मछलियों का मुद्दा

सुल्तानपुर लोधी के काली वेई में गिर रहे गंदा पानी के कारण मछलियां मर रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Apr 2021 06:57 PM (IST) Updated:Fri, 30 Apr 2021 06:57 PM (IST)
एनजीटी की बैठक में उठा बेई में मरी मछलियों का मुद्दा
एनजीटी की बैठक में उठा बेई में मरी मछलियों का मुद्दा

संवाद सहयोगी, सुल्तानपुर लोधी : सुल्तानपुर लोधी बहती काली वेई में गिर रहे गंदा पानी के कारण आक्सीजन का स्तर कम होने से पिछले ग्यारह दिनों से मछलियां मर रही हैं। संत सीचेवाल के कारसेवकों ने पिछले दो दिनों से एक्सावेटर और जेसीबी मशीन से मरी हुई मछलियों को बाहर निकालना शुरू किया है। मंगलवार को एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) पंजाब की निगरान कमेटी के सदस्यों की आनलाइन बैठक में निर्मल कुटिया से पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल हिस्सा लिया तथा बेई में मर रही मछलियों के मुद्दे को उठाया। उन्होंने एनजीटी के चेयरमैन, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री, मुख्यमंत्री पंजाब, मुख्य सचिव पंजाब और पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को पत्र लिखकर उचित कार्रवाई करने की मांग की है।

नेशनल ग्रीन टिब्यूलन पंजाब की निगरान समिति की बैठक मंगलरवार को आनलाइन सेवानिवृत्त जस्टिस जसबीर सिंह की अध्यक्षता में हुई। निर्मल कुटिया से बैठक में शामिल होकर संत सीचेवाल ने निगरान सदस्यों के ध्यान में लाया कि काली बेई में गिर रहा शहर का दूषित पानी चिता का विषय बन गया है। नहरों की मरम्मत का कार्य करने के लिए हर साल बैसाखी के मौके पर बेई में साफ पानी छोड़ना बंद कर दिया जाता है। सैदो भुलाना की कालोनियां और कपूरथला शहर के गंदा पानी बेई में गिर रहा है जिसे बेई की कार सेवा के 21 साल बाद भी सरकार बंद नहीं करवा सकी। वेईं (नदी) में गंदे पानी के कारण बड़ी संख्या में मछलियां मर गई है जिससे पर्यावरण प्रेमियों और संगत के मन को ठेस लगी है। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक आधिकारियों की संवेदनशीलता खत्म हो चुकी है। साल 2012, 2013, 2015 और 2017 के बाद साल 2021 में भी पावन वेईं नदी में गंदा पानी पड़ने से मछलियां लगातार मरी हैं। बताते चलें कि बेई में 250 क्यूसिक साफ पानी लगातार छोड़े जाने के बारे भी पंजाब सरकार ने आदेश दिया था लेकिन साफ पानी हर साल बैसाखी के मौके बंद कर ही दिया जाता है। वहीं, बेई में गिर रहे गंदा पानी को रोकने के लिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।

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