सड़कों पर सज रहे बाजार, निगम कंगाल, भ्रष्टाचार से मुलाजिम हो रहे मालामाल

सड़कों पर रेहड़ी-फड़ी वालों ने कब्जे कर रखे हैं इसके बावजूद इन पर कार्रवाई नहीं हो रही। निगम का खजाना खाली है जबकि मुलाजिम मालामाल होते जा रहे हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 02:20 AM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 04:52 PM (IST)
सड़कों पर सज रहे बाजार, निगम कंगाल, भ्रष्टाचार से मुलाजिम हो रहे मालामाल
सड़कों पर सज रहे बाजार, निगम कंगाल, भ्रष्टाचार से मुलाजिम हो रहे मालामाल

जालंधर, जेएनएन। शहर की सड़कों पर रेहड़ियों, फड़ियों, दुकानदारों, कार बाजारों का कब्जा है। ये लोग सड़क पर जितनी जगह छोड़ते हैं, आम लोगों को उतनी सड़क से ही गुजारा करना पड़ता है। कब्जों को हटाने की जिम्मेदारी नगर निगम की तहबाजारी की टीमों की है लेकिन ये टीमें भी उतना ही काम करती हैं, जितना जरूरी हो। पिछले दो साल मे इस विभाग ने काफी काम किया है लेकिन राजनीतिक दबाव में कई काम सिरे नहीं चढ़ पाए। मेयर का इस विभाग पर फोकस है। सुपरिंटेंडट को फ्री हैंड देने से दो सालों में तहबाजारी विभाग की आय पांच गुणा तक बढ़ गई है लेकिन इसकी आय बढ़ाने की क्षमता 25 गुणा तक है।

दो साल पहले यह विभाग 90 लाख रुपये ही कमा पा रहा था। जो अब बढ़कर चार करोड़ तक पहुंच चुकी है। अगर तहबाजारी विभाग बिना दबाव के काम करे तो शहरों में ट्रैफिक सिस्टम ठीक हो सकता है। नगर निगम के सर्वे में तीन साल पहले 12 हजार रेहड़ियां-फड़ियां रजिस्टर्ड हुई थीं। अब इनकी गिनती करीब 20 हजार बताई जा रही है। निगम का लक्ष्य इनको सड़क से हटाकर अलग जगह देना है। अगर निगम ऐसा करने में सफल रहता है तो निगम को तहबाजारी विभाग से सालाना 20 करोड़ से ज्यादा मिल सकते हैं। इसका यह फायदा भी होगा कि शहर के चरमरा चुकी यातायात व्यवस्था भी ठीक हो जाएगी। फिलहाल शहर में कोई रेहड़ी मार्केट नहीं है। सड़कों पर ही रेहड़ियां-फड़ियां सज रही हैं। इसकी आड़ में निगम के मुलाजिम भी खूब कमाई करते हैं। जितना पैसा निगम के खाते में आता है उससे ज्यादा निगम स्टाफ की जेब में चला जाता है।

जालंधरः डीसी ऑफिस रोड पर फुटपाथ पर सजी रेहड़ियों के कारण अक्सर ट्रैफिक जाम लग जाता है।

34 वेंडिग जोन बनाने का काम धीमा

नगर निगम ने शहर में अब तक 34 लोकेशन पर रेहड़ी मार्केट बनाने का प्लान फाइनल किया है। अभी सिर्फ बस स्टेंड फ्लाईओवर के नीचे ही प्रोसेस शुरू हुआ है। निगम के काम की रफ्तार काम काफी धीमी है। तीन साल पहले यह लोकेशन तय की गई थी लेकिन इन्हें फाइनल करने में ही इतना समय लग गया। इन लोकेशन पर सभी वेंडर्स एडज्स्ट नहीं हो सकते। निगम को नई लोकेशन पर काम करना होगा। वेंडर्स भी अपना इलाका छोड़ कर दूसरी जगह जाने को तैयार नही हैं। बस स्टेंड की लोकेशन पर काम चल रहा है लेकिन पूरी तरह से सफलता नहीं मिल रही।

बाजारों में कार्रवाई रोकने के लिए राजनीतिक दबाव

शहर के पुराने बाजारों में दुकानों के बाहर हुए कब्जे लोगों के साथ-साथ दुकानदारों को भी परेशान करते हैं लेकिन इन्हें दूर करने के लिए कोई पहल नहीं कर रहा। रैनक बाजार से शेखां बाजार तक की सड़क पर अगर कब्जे न हों तो यह बाजार शानदार है लेकिन आधी से ज्यादा सड़क पर हुए कब्जे ने पूरा बाजार अव्यवस्थित किया हुआ है। इन पर कार्रवाई न होने का बड़ा कारण राजनीतिक दबाव भी है। कभी-कभार कार्रवाई होती भी है तो सिर्फ खानापूर्ति ही की जाती है। बाजारों में आग लगने के कई मामले हो चुके हैं। आग लगने पर कब्जों के कारण फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी नहीं पहुंच पाती।

सड़कों पर सज रहे कार बाजार

शहर के कई इलाकों में कार बाजार डवलप हो गए हैं। कार बाजार का काम करने वालों के पास कारें खड़ी करने की जगह नहीं हैं। यह कारें सड़कों, फुटपाथों पर ही खड़ी की जा रही हैं। अवतार नगर रोड पर रिजेंट पार्क से अशोक नगर-आदर्श नगर तक सड़कों पर कार बाजार के कब्जों के कारण लोगों का आना-जाना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसा ही हाल बीएमसी चौक से नामदेव चौक के पास सड़क के दोनों तरफ है। इसके अतिरिक्त जहां भी कार बाजार हैं, वहां सड़कों को ही कारोबार के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रैफिक पुलिस का काम इन्हें रोकना है लेकिन ऐसा हो नहीं रहा।

तहबाजारी विभाग पर एक नजर दो साल में तहबाजारी विभाग से 12 करोड़ रुपए की कमाई का टारगेट था। पिछले साल के मुकाबले इनकम डबल होकर तीन तिमाही में ही चार करोड़ हुई लेकिन टारगेट से आधी से भी कम। पिछले साल दो करोड़ का टारगेट पूरा किया था। पहली तीन तिमाही में चार करोड़ कमाए हैं, जो टारगेट का 40 प्रतिशत है। तहबाजारी विभाग में करीब 20 मुलाजिम हैं। इनका सालाना वेतन 1 करोड़ के लगभग है। पहले यह डिपार्टमेंट घाटे में था लेकिन अब रिकवरी ठीक हुई है।

कब्जों के कारण तंग हुए बाजार

अटारी बाजार, रैणक बाजार, शेखां बाजार, अशोक नगर रोड, गुड़ मंडी, सैदां गेट मार्केट, ब्रांडरथ रोड, अली मोहल्ला रोड, ओल्ड जीटी रोड, भगत सिंह चौक मार्केट।

आग लगने पर बाजारों में नहीं पहुंच पाती फायर ब्रिगेड की टीम

13 जनवरी, 2019 को शेखां बाजार से सटे गुरु बाजार में अशोका आर्ट्स में आग से लाखों का नुकसान

31 जनवरी, 2019 को मिट्ठा बाजार में कपिल एंब्रायडरी में आगे से बड़ी क्षति।

19 मई, 2019 भैरों बाजार में लहंगा चौली शॉप में आग से लाखों का नुकसान।

6 नवंबर, 2019 रैणक बाजार में नावल्टी सेंटर में आग से क्षति।

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