NRI सभा चुनावः 260 वोट के साथ कृपाल सहोता ने मारी बाजी Jalandhar News
कृपाल सहोता को 363 में से 260 वोट हासिल हुए। वहीं उनके प्रतिद्वंदी माने जा रहे जसवीर सिंह को 100 वोट हासिल हुए।
जालंधर, जेएनएन। एनआरआई सभा पंजाब (NRI Sabha Punjab) के प्रधान पद पर कृपाल सहोता ने जीत हासिल की है। उन्हें 363 में से 260 वोट हासिल हुए। वहीं उनके प्रतिद्वंदी माने जा रहे जसवीर सिंह को 100 वोट हासिल हुए। सभा के प्रधान पद के लिए शनिवार सुबह 9 बजे मतदान शुरू हुआ था। इस दौरान हालैंड, इग्लैंड, फ्रांस कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों से एनआरआई वोट देने के लिए सभा के भवन पहुंचे। हालांकि मतदान पर कोरोना वायरस का असर साफ देखने को मिला है। कोरोना वायरस के खतरे के कारण एनआरआईज ने भारते आने से मुंह मोड़ लिया।
बता दें कि कंपनी बाग के पास स्थित एनआरआई सभा भवन में मतदान को लेकर हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक आने वाले एनआरआई का पहचान पत्र की जांच की जा रही है। अगर किसी के पास पहचान कार्ड नहीं है तो उसे पोलिंग बूथ तक नहीं जाने दिया जा रहा है।
जालंधरः एनआरआई सभा के प्रधान के लिए मतदान में हिस्सा लेते हुए एनआरआई।
जालंधरः शनिवार को एनआरआई सभा भवन के एंट्री गेट पर मतदान करने जा रहे एनआरआई की पहचान पत्र की जांच करते हुए पुलिसकर्मी।
एनआरआई सभा प्रधान पद के लिए मुख्य मुकाबला जसवीर सिंह गिल और कृपाल सहोता के बीच माना जा रहा था। पद के तीसरे प्रत्याशी प्रीतम सिंह नौरंगपुर ने गत रात अपना नाम वापस लेकर कृपाल सिंह सहोता को अपना समर्थन देने की बात कह दी थी।
सेहत विभाग की मेडिकल टीम तैनात
एनआरआइ सभा के प्रधान पद के चुनाव में कोरोना वायरस को लेकर सेहत विभाग की ओर से मेडिकल टीम को भी तैनात रखा गया। जो एनआरआइ मतदान करने के लिए आए, उनके हाथ सैनेटाइजर से साफ करवाए जा रहे थे। वोटिंग के दौरान एनआआइ सभा के कर्मचारियों ने भी मुंह पर मास्क पहने रखा।
पहली बार वर्ष 2010 में हुआ था मतदान, वोटिंग प्रतिशत रहता है कम
एनआरआई सभा के लिए सबसे पहले वर्ष 2010 में चुनाव हुआ था। तब 17000 में से केवल 2196 सदस्यों ने मतदान किया था और कमलजीत सिंह हेयर 1014 वोट लेकर प्रधान बने थे। वर्ष 2013 में दूसरी बार प्रधान पद के लिए चुनाव हुआ। तब जसबीर सिंह गिल 657 वोट हासिल कर प्रधान बने थे। वर्ष 2004, 2005, 2012 में प्रधान पद खाली रहा। इसके बाद वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्रधान पद के लिए चुनाव नहीं हो सके थे। अब से पहले दो बार हुए मतदान में मतदान प्रतिशत बहुत ही कम रहा। एक बार 12.91 फीसद तो दूसरी बार केवल 9.22 फीसद वोट ही पड़े।
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