माता सती से जुड़ा है जालंधर के श्री देवी तालाब का इतिहास, देश के 108 पावन सरोवरों में लिया जाता है नाम

जालंधर में किसी समय कुल 12 सरोवर थे। उनमें से श्री देवी तालाब को पवित्र व धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। यहां सती माता का एक अंग यहां पर गिरा था। जो भगवान शिव के नेत्रों से बही अश्रुधारा से सरोवर में परिवर्तित हो गया।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Wed, 07 Oct 2020 03:33 PM (IST) Updated:Wed, 07 Oct 2020 03:33 PM (IST)
माता सती से जुड़ा है जालंधर के श्री देवी तालाब का इतिहास, देश के 108 पावन सरोवरों में लिया जाता है नाम
प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर। (फाइल फोटो)

जालंधर, [शाम सहगल]। उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल सिद्ध शक्तिपीठ श्री देवी तालाब मंदिर में बने विशाल सरोवर का इतिहास माता सती से जुड़ा है। इस पावन सरोवर का नाम देश के 108 पावन सरोवरों में लिया जाता है। हालांकि इसके निर्माण को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं। जिसमें माता सती से जुड़े होने की कथाओं का जिक्र अधिक किया गया है।

जालंधर का नाम जल के साथ शुरू से लिया जाता रहा है। दैत्य राज जालंधर के नाम से विख्यात हुए शहर में किसी समय 12 सरोवर हुआ करते थे। जिसमें श्री देवी तालाब के सरोवर को पवित्र व धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जाता रहा है। देवी के चरणों के समीप भर बना होने के कारण ही इससे देवी तालाब नाम दिया गया था, जो आज सिद्ध शक्तिपीठ दरबार की शान बना हुआ है।

भगवान शंकर की अश्रु धारा से बना सरोवर

श्री देवी तालाब के पावन सरोवर को लेकर सबसे प्रचलित कथा के मुताबिक सती माता का एक अंग यहां पर गिरा था। जिससे भगवान शिव के नेत्रों से बही अश्रुधारा से यह सरोवर में परिवर्तित हो गया। एक अन्य कथा के मुताबिक आदि जगद्गुरु शंकराचार्य ने यहां पर गंगा मैया का आह्वान किया था। जिसके बाद देखते ही देखते धरती से जल प्रकट हो गया। बाद में इसके चारों तरफ सीढ़ियों का निर्माण करवाया गया।

सिद्ध शक्तिपीठ के चरणों में बना पवित्र सरोवर

विश्व भर में स्थित 52 सिद्ध शक्तिपीठों में मां त्रिपुरमालिनी का नाम भी शामिल है। सती माता का एक अंग यहां पर गिरा था। श्री देवी तालाब मंदिर की परिक्रमा करते हुए मां त्रिपुरमालिनी का मंदिर आता है। जिसके चरणों में पवित्र सरोवर का निर्माण हुआ है। जिसके चलते इसे देवी तालाब का नाम दिया गया है।

48 स्तंभों पर हुआ श्री देवी तालाब मंदिर का निर्माण

तालाब का निर्माण करने के साथ इसके बीच 48 सतंभ भी बनाए गए। जिस पर श्री देवी तालाब मंदिर के दरबार का निर्माण किया गया। बताया जाता है कि 70 के दशक में तलाब की नई सीढ़ियों का निर्माण करने के साथ मंदिर का भव्य निर्माण किया गया है।

फिल्टर के साथ स्वच्छ रखा जाता है जल

श्री देवी तालाब मंदिर प्रबंधक कमेटी के महासचिव राजेश विज बताते हैं कि पवित्र सरोवर के जल को स्वच्छ रखने के लिए विशाल फिल्टर लगाए गए है। इसके अलावा सोडियम लाइट के साथ रात के समय पवित्र सरोवर जगमगा उठता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में पवित्र सरोवर में कार सेवा का काम करवाया गया था। जिसमें देशभर से श्रद्धालुओं ने इस पवित्र अवसर का लाभ लिया। इस समय इस पवित्र तालाब में छोड़ी गई मछलियां भी इस पवित्र सरोवर की शान बनी हुई है। मंदिर में नतमस्तक होने के लिए आने वाले श्रद्धालु इस तालाब की परिक्रमा कर खुद को कृतार्थ करते हैं।

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