संसार की मोह माया छोड़ प्रभु का सुमिरन करें : स्वामी विज्ञानानंद

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन चल रहा है। स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी ने कहा कि संसार रूपी मोह माया को छोड़कर भगवान प्रभु का सुमिरन करना चाहिए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Dec 2019 08:32 PM (IST) Updated:Tue, 03 Dec 2019 08:32 PM (IST)
संसार की मोह माया छोड़ प्रभु का सुमिरन करें :  स्वामी विज्ञानानंद
संसार की मोह माया छोड़ प्रभु का सुमिरन करें : स्वामी विज्ञानानंद

संवाद सहयोगी, करतारपुर : गोशाला स्थित भगत सावन मल्ल हाल में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का आयोजन चल रहा है। छठे दिन मंगलवार को हरिद्वार कनखल से आए स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी ने कहा कि संसार रूपी मोह माया को छोड़कर भगवान प्रभु का सुमिरन करना चाहिए। प्रभु सुमिरन से शक्ति मिलती है। मनुष्य को जीवन में सत्य कर्म करना चाहिए और निदा से परहेज करना चाहिए।

इसके बाद स्वामी विज्ञानानंद महाराज जी ने श्री कृष्ण-रुकमणी विवाह का प्रसंग सुनाया। इस दौरान श्री कृष्ण और रुकमणी के स्वरूपों को जयमाला डाली। श्रद्धालुओं ने श्री कृष्ण और रुकमणी के आगे नतमस्तक होकर आशीर्वाद लिया। इस दौरान माहौल वृंदावन के रंग में रंग गया। इसके बाद स्वामी जी ने भजन प्रस्तुत किए, जिन पर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध होकर झूम उठे। अंत में श्री कृष्ण व रुकमणी की आरती की गई।

ये रहे मौजूद : इस अवसर पर डॉ रविदर अग्रवाल, पदमा रानी, शशि, डिपल, मोनिका, पार्षद मनजीत सिंह, मास्टर अमरीक सिंह, प्रधान बलराम गुप्ता, श्रीकृष्ण वासिल, नीलम वर्मा, शिव शर्मा, शिव भार्गव, विजय सक्सेना, संजीव पाठक, सौरभ गुप्ता, प्रियंका अग्रवाल, अनीता शर्मा, आरती शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, जितेंद्र शर्मा, नीलम रानी, बीना रानी, राजरानी, रेनू भारद्वाज, ममता, कृति, कविता, शारदा रानी, बालकिशन धीमान, डॉक्टर यश गुप्ता, आरती गुप्ता, ललित मोहन अग्रवाल, शाम सुंदर पटवारी, सुदर्शन ओहरी, बचन सिंह, वीरेंद्र शर्मा, राजेश शर्मा, नंद लाल अग्रवाल, भारत भूषण शर्मा, संजीवन गुप्ता, राजन शर्मा, पूनम गौतम, लता सिगला, पूनम मेहरा, कमला देवी, अनीता अग्रवाल गौतम, बालकिशन धीमान, डॉक्टर सुनील राजन, वनमाली कांत शर्मा, पूनम गौतम, चरणजीत कोड़ा, नीलम रानी, उमा शर्मा, अनीता अग्रवाल, पवन धीमान, लता सिगला, सुषमा शर्मा, पंडित प्रभुनाथ पांडे, पंडित वेद प्रकाश, पंडित वरिदर शर्मा, पंडित अशोक कुमार, स्वामी हरिहर, रमेश शर्मा, पंडित जयप्रकाश इत्यादि दर्जनों श्रद्धालु जन उपस्थित थे।

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