पंजाब में कौन चढ़ेगा सत्ता का सिंहासन, आधी आबादी को लुभाने के लिए क्या है पार्टियों की रणनीति, पढ़ें विशेष रिपोर्ट
Punjab Vidhan Sabha Chunav 2022 पंजाब विधानसभा चुनाव में हालांकि किसी भी राजनीतिक दल ने किसी महिला को सीएम फेस के रूप में प्रोजेक्ट नहीं किया है लेकिन पार्टियों का फोकस पूरी तरह से महिला वोटरों पर है। उनके लिए कई घोषणाएं की गई हैं। पढ़ें विशेष रिपोर्ट...
दिनेश भारद्वाज, जालंधर। पंजाब का पांरपरिक त्योहार लोहड़ी। किसी घर में बेटे के जन्म या बेटे की शादी के बाद पहली लोहड़ी की रौनक अलग ही होती है, लेकिन समय के साथ परंपराओं में बदलाव भी आया है। अब पंजाब में बेटियों की लोहड़ी डालने का प्रचलन भी बढ़ गया है। राज्य में लिंगानुपात की स्थिति में सुधार के लिए बड़े पैमाने पर हुए काम के अच्छे परिणाम भी सामने आए, लेकिन अभी इसमें और सुधार की गुंजाइश है।
इस बार चुनावी रंग में रंगे पंजाब की लोहड़ी खास है, बेटियों की सुधरती कुंडली और महिला मतदाताओं की चुनाव में बढ़ती भागीदारी ने नेताओं की आसमां छूने की ख्वाहिश को नया आयाम दिया है। क्योंकि वह सब जानते हैं कि सत्ता की बारात जब चलेगी तो 'पुत्त' (बेटा) ही घोड़ी चढ़ेगा। इसका कारण भी साफ है, क्योंकि चुनाव में कोई भी पार्टी किसी महिला को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर मैदान में नहीं उतर रही। इसलिए नेता आधी आबादी पर फोकस करते हुए बड़ी घोषणाएं कर रहे हैं। वह महिलाओं की ताकत जानते हैैं, यह भी कि उनके आशीर्वाद के बिना सत्ता संग्राम नहीं जीता जा सकता। आधी आबादी कहीं न कहीं यह भी तय करेगी कि इस संग्राम में 'कौण चढ़ूगा सत्ता दी घोड़ी'। बेटियों की सुधरी कुंडली, महिलाओं की चुनाव में भागीदारी और उन्हें साधने के लिए नेताओं की घोषणाओं पर हमारी विशेष रिपोर्ट...।
महिलाओं की भागीदारी पर नजर
विधानसभा चुनाव 2017: महिलाओं का मतदान प्रतिशत 78.16 प्रतिशत, यह पुरुषों को मतदान 76.73 प्रतिशत से ज्यादा है।
विधानसभा चुनाव 2022: महिला मतदाताओं की संख्या के आंकड़े में 7,10,968 (7.58 प्रतिशत) का इजाफा, 6,84,749 (6.51 प्रतिशत) पुरुष मतदाता भी बढ़े।
(स्रोत: चुनाव आयोग)
लड़कियों की कुंडली में सुधार
राज्य में लिंगानुपात की स्थिति भी सुधरी है। 2015 में जहां प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों के जन्म का अनुपात 883 रहा, वहीं 2021 में यह बढ़कर 919 हो गया।
साल प्रति 1000 लड़कों के मुकाबले लड़कियों का जन्म अनुपात
2015 883
2016 888
2017 892
2018 903
2019 886
2020 904
2021 919
(स्रोत: पंजाब स्वास्थ्य विभाग)
प्रतिनिधित्व के अधिकार की पूर्ति का इंतजार
पंचायत और निकाय चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण तो मिला लेकिन विधानसभा चुनाव में यह स्थिति नहीं है। शिअद और आप ज्यादा महिलाओं को टिकट नहीं दिया है। वहीं शेष दलों ने अभी उम्मीदवारों की घोषणा करनी है।
महिलाओं के लिए राजनीतिक दलों-नेताओं की घोषणाएं
कांग्रेस: नवजोत सिंह सिद्धू
कांग्रेस ने अभी घोषणापत्र जारी नहीं किया है लेकिन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कई घोषणाएं कर दी हैैं। 2000 रुपये महीना और साल में आठ गैस सिलेंडर मुफ्त। 5वीं से लेकर 10वीं कक्षा की छात्राओं को 5000, 10वीं पास छात्राओं को 15000 और 12वीं पास लड़कियों को 20000 रुपये। कालेज में प्रवेश की स्लिप दिखाने पर छात्राओं को इलेक्ट्रिक स्कूटी।
कांग्रेस: चरणजीत सिंह चन्नी 53 हजार आंगनबाड़ी वर्करों और सहायिकाओं का मानदेय एक जनवरी, 2023 से बढ़ाने की घोषणा। 22 हजार आशा वर्करों को मासिक मानदेय बढ़ाने का लिया फैसला। विधवा व बुजुर्ग महिलाओं को मासिक पेंशन के अलावा 1000 रुपये देने का फैसला।
आम आदमी पार्टी: अरविंद केजरीवाल पंजाब में आप सरकार बनने पर 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये। यह राशि बुढ़ापा पेंशन से अलग होगी।
शिअद-बसपा गठबंधन: सुखबीर सिंह बादल अकाली-बसपा गठबंधन सरकार बनने पर नीले कार्ड वाले लाभार्थी परिवारों की सभी महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये। पिछली गठबंधन सरकार में छात्राओं को साइकिल मुफ्त दिए जाते थे।
भाजपा, पीएलसी और शिअद (संयुक्त): कैप्टन अमरिंदर सिंह, अश्वनी शर्मा और सुखदेव सिंह ढींडसा घोषणाओं का पिटारा खुलना अभी बाकी है। संभावना है कि वह भी पीछे नहीं रहेंगे। कैप्टन ने मुख्यमंत्री रहते हुए सरकारी बसों में महिलाओं का सफर मुफ्त किया था।