दुष्कर्म व नशा करने के आरोप में बर्खास्त पुलिसकर्मी पेट्रोल डलवाकर भागा, पंप कर्मियों ने पकड़ा
थाना एक पर तैनाती के दौरान दुष्कर्म और नशा करने के आरोप में बर्खास्त हो चुके इंदरजीत ने गढ़ा में पेट्रोल डलवाकर भागने की कोशिश की।
जागरण संवाददाता, जालंधर : थाना एक पर तैनाती के दौरान दुष्कर्म और नशा करने के आरोप में बर्खास्त हो चुके इंदरजीत ने गढ़ा में पेट्रोल डलवाकर भागने की कोशिश की। इतना ही नहीं, पेट्रोल पंप कर्मियों ने उसे पकड़ना चाहा तो उसने उन पर मिर्ची पाउडर भी फेंका। हालांकि पाउडर आंखों में न पड़ने से कर्मियों ने उसे पकड़ लिया।
थाना-7 की पुलिस के मुताबिक इंदरजीत बुधवार शाम को गढ़ा स्थित पेट्रोल पंप पर बाइक में तेल डलवाने गया। उसने पंप कर्मी शाम किशोर से उसने 200 रुपये का पेट्रोल डलवाया। उसने कहा कि वह क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करेगा। जब शाम किशोर कार्ड मशीन लाने के लिए कुछ दूरी पर गया तो इतने में इंदरजीत ने बाइक स्टार्ट कर ली और तेजी से भागने लगा। इस पर शाम ने साथियों को बुलाया व उसके पीछे भागा। जब सभी ने उसे पकड़ लिया तो उसने जेब से मिर्ची पाउडर निकालकर उनकी तरफ फेंका। गनीमत रही कि मिर्च किसी की आंख में नहीं पड़ी।
लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने बस्ती बावा खेल के मोहल्ला कच्चा कोट निवासी मोहन सिंह के बेटे इंदरजीत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। मौके पर पहुंची पुलिस को शक हुआ की इंदरजीत ने नशा किया है। इस पर सिविल अस्पताल में उसका मेडिकल करवाया गया। इसमें नशे की पुष्टि भी हुई। सेठी मेडिकोज का मालिक नशीली गोलियों सहित गिरफ्तार
इधर.. सीआइए टीम ने स्विफ्ट कार से सेठी मेडिकोज के मालिक सुमित सेठी और वर्कर विशाल को नशीली गोलियों के साथ गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में पंजाबी बाग निवासी सुमित सेठी और भगत ¨सह कालोनी निवासी विशाल उर्फ मोनू हैं। पुलिस को सूचना मिली थी कि कार में बैठकर नशीली गोलियों की सप्लाई देने के लिए दो लोग घूम रहे हैं। जिस पर पुलिस ने रेड की। जांच में आया कि शेखां बाजार में सेठी मेडिकोज का मालिक सुमित सेठी अपने वर्कर विशाल को लेकर स्विफ्ट कार में भगत ¨सह कालोनी पहुंचा था। कार की तालाशी में 1,92,900 नशीली गोलियां बरामद हुई। इनमें से 1,45,500 गोलियां बिना मार्का की मिली है। इन्हें केमिकल लैब टेस्ट के लिए भेजा जाएगा। पुलिस के मुताबिक गोलियां विशाल के घर रखने के लिए लायी गई थी। इसके बाद वह किसे दी जानी थी। इसकी जांच की जा रही है।