जालंधर में पार्कों-ग्रीन बेल्ट के लिए बजट में सिर्फ 2.60 करोड़, Smart City के भरोसे रहेगा पर्यावरण संरक्षण
Jalandhar Smart City Project नगर निगम पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। निगम ने शहर के पार्कों और ग्रीन बेल्ट के रखरखाव के लिए साल 2021-22 के बजट में 2.60 करोड़ रखा है। पार्कों और ग्रीन बेल्ट के लिए यह राशि काफी कम है।
जालंधर, जेएनएन। Jalandhar Smart City Project: नगर निगम पर्यावरण संरक्षण को लेकर गंभीर नहीं है। निगम ने शहर के पार्कों और ग्रीन बेल्ट के रखरखाव के लिए साल 2021-22 के बजट में 2.60 करोड़ रखा है। पार्कों और ग्रीन बेल्ट के लिए यह राशि काफी कम है। निगम ने साल 2020-21 के बजट एक करोड़ के मुकाबले इस बार 1.60 करोड़ की बढ़ोतरी की है, बावजूद यह रकम ग्रीन लैंड के लिए काफी कम है। अब शहर में पर्यावरण संरक्षण स्मार्ट सिटी के भरोसे है। शहर में 450 से ज्यादा पार्क हैं और कई एरिया में ग्रीन बेल्ट हैं। इनमें से आधे से ज्यादा पार्क काफी खराब हालत में हैं।
वर्कशाप चौक से मकसूदां तक की ग्रीन बेल्ट भी काफी खराब हालत में है। यहां पर ट्रांसपोर्टरों के कब्जे हैं और ट्रकों से सामान की लोडिंग-अनलोडिंग भी ग्रीन बेल्ट में ही होती है। पहले यह ग्रीन बेल्ट प्राइवेट कंपनियां अपने खर्च पर विकसित करती रही हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों से कंपनियों ने हाथ खींच लिए हैं। इन्हें अब स्मार्ट सिटी के खर्च पर ही तैयार किया जाएगा। मेयर जगदीश राजा ने कहा है कि पहले से बजट बढ़ाया गया है। स्मार्ट सिटी कंपनी के फंड से भी काम करवा रहे हैं, क्योंकि वह भी शहर के विकास के लिए ही है। हार्टीकल्चर ब्रांच को भी निर्देश दिया गया है कि मोहल्ला सोसायटीज के साथ मी¨टग करे। इस पर अमल शुरू हो गया है और अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं।
वेलफेयर सोसायटीज से भी सहयोग नहीं ले पा रहा निगम
शहर के 450 से ज्यादा पार्को में से जितने भी पार्क विकसित हैं, वो इलाके की मोहल्ला वेलफेयर सोसायटीज और एनजीओ के ही जिम्मे हैं। इनमें भी पाश और उन कालोनियों के पार्क ही ज्यादातर विकसित हुए हैं, जो कालोनियां इंप्रूवमेंट ट्रस्ट और पुडा ने डेवलप की थी। पाश आबादी में लोग खुद ही फंड जुटा कर काम कर रहे हैं। छोटे पार्कों को विकसित करने के लिए मोहल्ला सोसायटीज को नगर निगम तैयार नहीं कर पा रहा। नगर निगम पहले पार्कों के विकास के लिए सोसायटीज को माली के लिए 1000 रुपये महीने का भुगतान करता था। अब पार्क पालिसी आ गई है और खर्च भी बढ़ा दिया गया है, बावजूद लोग भी सहयोग के लिए आगे नहीं आ रहे हैं।
स्मार्ट सिटी में पार्को के लिए 30 करोड़ का फंड
पार्कों व ग्रीन बेल्ट के लिए निगम के मुकाबले कई गुणा अधिक बजट स्मार्ट सिटी कंपनी में रख गया है। इससे शहर के बड़े पार्क, फ्लाईओवर के नीचे ग्रीन लैंड डेलवप की जा रही है। स्मार्ट सिटी कंपनी ने इसके लिए करीब 30 करोड़ का बजट रखा है। इसमें से कई काम इस समय चल रहे हैं, जबकि कई के टेंडर लगाने की तैयारी है।
स्मार्ट सिटी के फंड से चल रहे काम
- 3.90 करोड़ का टेंडर डीएवी, पठानकोट चौक और लम्मा पिंड चौक फ्लाईओवर के नीचे वर्टिकल गार्डन के लिए
- 2.40 करोड़ से अर्बन एस्टेट फेज-1 में हो रहा है पार्क का विकास
- 1.26 करोड़ से बेअंत सिंह पार्क का हो रहा विकास
- 42 लाख से टोबड़ी मोहल्ला में किया जा रहा है पार्क का विकास
- 1.07 करोड़ से इंडस्ट्रियल एरिया में नीविया पार्क किया जा रहा विकसित
- 62 लाख से अर्बन एस्टेट फेज-2 में टंकी वाले पार्क का हो रहा विकास
- 2.78 करोड़ बावा खेल नहर के किनारों पर ग्रीन एरिया और सैरगाह का चल रहा काम
- 29 लाख से बीआर आंबेडकर पार्क के डेवलपमेंट का चल रहा काम
- 5 करोड़ की डीपीआर तैयार की गई है शहर के नौ पार्क और ग्रीन बेल्ट के लिए
- 12 करोड़ रुपये अलग से आरक्षित किए गए हैं पार्को के विकास के लिए