कोरोना से एक साल में बढ़ गए जालंधर नगर निगम के 20 हजार डिफाल्टर, रिकवरी के लिए एक्शन प्लान जारी

नगर निगम का लोगों पर पानी और सीवरेज बिल का करीब 60 करोड़ रुपये बकाया है। जो पिछले कई सालों से लगातार बढ़ता जा रहा है लेकिन रिकवरी नहीं हो पा रही। इसके साथ ही करीब 20 कनेक्शन काटे गए हैं।

By Edited By: Publish:Thu, 14 Jan 2021 06:55 AM (IST) Updated:Thu, 14 Jan 2021 08:21 AM (IST)
कोरोना से एक साल में बढ़ गए जालंधर नगर निगम के 20 हजार डिफाल्टर, रिकवरी के लिए एक्शन प्लान जारी
कोरोना संक्रमण का असर नगर निगम पर भी नजर आने लगा है।

जालंधर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण का असर नगर निगम पर भी नजर आने लगा है। कोरोना शुरू होने के बाद से अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों ने पानी के बिल और प्रापर्टी टैक्स नहीं जमा करवाया है। इससे नगर निगम के दोनों विभाग आठ करोड़ रुपये पीछे चल रहे हैं। इसकी रिकवरी के लिए वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट में बड़ा प्लान तैयार किया है। फ्लाइंग स्क्वाड की टीम पहले से ही काम कर रही थी, लेकिन 13 जनवरी से सभी जोन इलाकों में जेसीबी मशीनें तैनात कर दी गई है। फ्लाइंग स्क्वायड का शेड्यूल तय कर दिया गया है कि किस जोन में किस दिन एक्शन लिया जाएगा।

कार्रवाई के तहत सभी बड़े डिफाल्टर निशाने पर रहेंगे और उनके कनेक्शन काटे जाएंगे। इसके लिए वार्ड स्तर पर लिस्ट जारी की गई है और सभी पार्षदों से भी अपील की जा रही है कि वह अपने-अपने इलाकों में रिकवरी में निगम टीमों को सहयोग दें। वाटर सप्लाई डिपार्टमेंट के सुपरिंटेंडेंट मनीष दुग्गल ने बताया कि फ्लाइंग स्क्वायड की टीम ने पिछले दिनों में 35 लाख रुपये की रिकवरी की है। इसके साथ ही करीब 20 कनेक्शन काटे गए हैं। उन्होंने बताया कि पिछले साल की तुलना में पानी के बिलों की रिकवरी में कमी आई है और करीब 15,000 नए डिफाल्टर पैदा हो गए हैं।

इन सभी को नोटिस भेजे जा रहे हैं। जल्द ही कार्रवाई होगी। नगर निगम के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर सतिंदर कुमार ने आपरेशन एंड मेंटीनेंस डिपार्टमेंट का काम सभी जोन में बेहतर बनाने और रिकवरी को तेज करने के लिए जेसीबी मशीनों के काम के दिन तय किए हैं। रिकवरी तेज करने के लिए फ्लाइंग स्कवायड का भी रोस्टर जारी कर दिया है।

पानी व सीवरेज बिल का 60 करोड़ से ज्यादा बकाया

नगर निगम का लोगों पर पानी और सीवरेज बिल का करीब 60 करोड़ रुपये बकाया है। जो पिछले कई सालों से लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन रिकवरी नहीं हो पा रही। नगर निगम कई बार छूट भी देता रहता है, लेकिन इससे भी डिफाल्टर कम नहीं हो रहे हैं। जो लोग डिफाल्टर हैं उन्हें भी लगातार बिल भेजे जा रहे हैं। रिकवरी मुहिम को प्रभावी करने के लिए सभी डिफाल्टरों पर एक साथ कार्रवाई करने के बजाय वार्ड स्तर पर बड़े डिफाल्टरों की सूची बनाई गई है। इससे लोगों के विरोध का सामना नहीं करना पड़ेगा।

हर दिन अगल-अलग जोन में होगी कार्रवाई

सोमवार : जोन नंबर एक और चार

मंगलवार : जोन नंबर तीन

बुधवार : जोन नंबर छह

वीरवार : जोन नंबर दो और सात

शुक्रवार : जोन नंबर 5 और 5ए

प्रापर्टी टैक्स की रिकवरी भी हुई धीमी

नगर निगम के प्रापर्टी टैक्स डिपार्टमेंट की रिकवरी भी पिछले साल की तुलना में काफी धीमी है। पिछले साल एक लाख से ज्यादा लोगों ने टैक्स जमा करवाया था, लेकिन इस बार अभी तक 70 हजार के करीब ही लोग टैक्स जमा करवाने पहुंचे हैं। सुपरिंटेंडेंट महीप सरीन का कहना है कि 31 मार्च तक रिकवरी तेज करके एक लाख का आंकड़ा पार करने की कोशिश रहेगी। डिफाल्टर टैक्सपेयर को नोटिस भेजा जा रहा है। नगर निगम को प्रापर्टी टैक्स से इस साल 40 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण यह पिछले साल के मुकाबले 25 करोड़ से भी कम रह सकती है।

पिछले साल दिसंबर तक प्रापर्टी टैक्स से नगर निगम को 23 करोड़ रुपये की आय हुई थी, लेकिन इस बार यह अभी 20 करोड़ से कम है। दिसंबर के बाद प्रापर्टी टैक्स जमा करवाने वालों की गिनती ज्यादा नहीं बढ़ती है, क्योंकि सभी तरह की छूट के कारण दिसंबर से पहले ही लोग टैक्स जमा करवा देते हैं।

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