बड़ी लापरवाहीः रात तक खुले ये ठेके कहीं शहर को कोरोना 'मय' न कर दें

ठेकों के आसापास देर रात तक लोगों का बेरोकटोक आना-जाना लगा रहता है। न तो ठेका संचालक और न ही आम जनता के मन पुलिस या कानून व्यवस्था का कोई खौफ नजर आता है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 21 May 2020 05:37 PM (IST) Updated:Thu, 21 May 2020 05:37 PM (IST)
बड़ी लापरवाहीः रात तक खुले ये ठेके कहीं शहर को कोरोना 'मय' न कर दें
बड़ी लापरवाहीः रात तक खुले ये ठेके कहीं शहर को कोरोना 'मय' न कर दें

जालंधर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बीच अपनी आमदन बढ़ाने में लगी पंजाब सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों को भी बुरी तरह से नजरअंदाज कर डाला है। इसकी मिसाल अफसरशाही के मौखिक आदेश पर रात नौ बजे तक खुल रहे शराब के ठेके हैं। ठेकों के आसापास देर रात तक लोगों का बेरोकटोक आना-जाना लगा रहता है। न तो ठेका संचालक और न ही आम जनता के मन पुलिस या कानून व्यवस्था का कोई खौफ नजर आता है। 

पंजाब में कर्फ्यू हटाए जाने के बाद दुकानों को सुबह सात बजे से लेकर शाम सात बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है, जो शराब ठेकों पर भी लागू होती है। इसके बावजूद ठेके अफसरशाही के मौखिक आदेश पर रात नौ बजे तक खुल रहे हैं और इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जा रही। इन्हीं मौखिक आदेशों का असर है कि जब सारा बाजार बंद हो जाता है और शाम सात बजे कर्फ्यू भी लागू हो जाता है। बावजूद इसके शराब ठेके रात नौ बजे तक खुले रखे जा रहे हैं। अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर शराब ठेकेदारों का तर्क है कि जब शाम सात बजे कर्फ्यू लागू हो गया तो फिर रात नौ बजे तक शराब ठेका खोलने का कोई फायदा नहीं है।

अधिकारियों ने साधी चुप्पी

खास बात यह है कि रात नौ बजे तक शराब ठेके खुले रखने के मौखिक आदेशों को लेकर अब कोई भी अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है। रात नौ बजे तक ठेकों का खुला रहना और ठेकों पर कोई कार्यवाही न होना अफसरशाही की मूक स्वीकृति का पुख्ता सुबूत है। 

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