शहर की पलक बनीं दूसरों के लिए प्रेरणा, एक हाथ से पाई बड़ी सफलता Jalandhar News

पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल की 12वीं की छात्रा पलक कोहली ने आज ऐसा मुकाम हासिल किया है कि उसके मां-बाप खुद पर गर्व महसूस करते हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 01:39 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 01:39 PM (IST)
शहर की पलक बनीं दूसरों के लिए प्रेरणा, एक हाथ से पाई बड़ी सफलता Jalandhar News
शहर की पलक बनीं दूसरों के लिए प्रेरणा, एक हाथ से पाई बड़ी सफलता Jalandhar News

जालंधर [कमल किशोर]। जब बच्चे ने ऐसी उपलब्धियां हासिल की हों कि मां-बाप को उनके नाम से पुकारा जाए, तो मां-बाप के लिए इससे बड़ी खुशी का बात क्या हो सकती है। जालंधर के इस्लामगंज की रहने वाली व पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल की 12वीं की छात्रा पलक कोहली ने आज ऐसा मुकाम हासिल किया है कि उसके मां-बाप खुद पर गर्व महसूस करते हैं। पलक बचपन से एक बांह से वंचित है, इसके बावजूद उसने कभी हार नहीं मानी और आज वह पैरा-बैडमिंटन की नेशनल खिलाड़ी हैं। वह कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर तीन स्वर्ण व एक कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं। पलक के माता-पिता महेश और सिम्मी कोहली को गर्व है कि लोग उन्हें आज बेटी के नाम से लोग जानते हैं।

लोग कहते हैं पलक के पिता... तो मिलती है खुशी

पलक के पिता महेश र्जिकल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरिंग का कारोबार करते हैं। उनका कहना है कि बैडमिंटन चैंपियनशिप में बेटी ने देश-विदेश में नाम रोशन किया है। चैंपियनशिप में कोई आर्थिक लाभ न मिला हो, लेकिन आज लोग उन्हें उनकी बेटी के नाम से जानते हैं। जब शहर से गुजरता हूं तो लोगों को कहते सुनता हूं कि यह पलक कोहली के पिता हैं। बहुत गर्व की अनुभूति होती है।

हाथ की कमी कभी महसूस नहीं हुई

पलक ने बताया कि उनके बचपन से एक हाथ नहीं है पर उन्होंने इसकी कमी कभी महसूस न होने दी है। उसके जीवन का सपना कुछ करके दिखाना है। पलक ने कहा कि मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप विजेता पीसी सिंधू की तरह बनना चाहती हूं। रोजाना पढ़ाई के साथ बैडमिंटन का अभ्यास करती हूं।

टूर्नामेंट में कर चुकी हैं शानदार प्रदर्शन

स्विट्जरलैंड में हुई पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप में पलक सेमीफाइनल से बाहर हो गई थी। उन्होंने हाल में ही थाईलैंड में पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में सेमीफाइनल तक का सफर तय किया। वह चाइना पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में पांचवें स्थान पर रहीं। पुलिस डीएवी की छात्रा ने युगांडा में हुई पैरा बैडमिंटन चैंपियनशिप में डबल प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक व एकल प्रतिस्पर्धा में रजत पदक जीता है। वह जालंधर बैडमिंटन टूर्नामेंट अंडर-19 में रनरअप ट्रॉफी जीत चुकी हैं। आइसीआइ जोनल बैडमिंटन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक, तीसरी पैरा बैडमिंटन नैशनल चैंपियनशिप में तीन स्वर्ण, एक कांस्य पदक विजेता रही हैं।

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