यह सड़क कितने दिन टिकेगी! आठ डिग्री से भी कम तापमान में तड़के 5:30 बजे कर दी कारपेटिंग

वीरवार को चौगिटटी फ्लाईओवर के ऊपर धुंध भारी सर्दी में प्रिमिक्स की ऊपरी परत बिछाई गई। पहले न्यूनतम दस डिग्री सेल्सियस तापमान जरूरी होने का तर्क दिया जाता रहा लेकिन डेढ़ महीने के लंबे इंतजार के बाद आठ डिग्री से भी कम तापमान में काम निपटा डाला गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 03:55 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 03:55 PM (IST)
यह सड़क कितने दिन टिकेगी! आठ डिग्री से भी कम तापमान में तड़के 5:30 बजे कर दी कारपेटिंग
वीरवार को चौगिटटी फ्लाईओवर के ऊपर धुंध भारी सर्दी में प्रिमिक्स की ऊपरी परत बिछाई दी गई।

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। जालंधर-पानीपत हाईवे पर प्रीमिक्स की मजबूत परत बिछाने के लिए न्यूनतम दस डिग्री सेल्सियस तापमान जरूरी होने का तर्क दिया जाता रहा, लेकिन डेढ़ महीने के लंबे इंतजार के बाद आठ डिग्री से भी कम तापमान में काम निपटा डाला गया। वीरवार को चौगिटटी  फ्लाईओवर के ऊपर धुंध भारी सर्दी में प्रिमिक्स की ऊपरी परत बिछा दी गई।

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लगभग एक दशक पहले बनाए गए जालंधर-पानीपत सिक्स लेन हाईवे की स्कैनिंग के दौरान पता चला था कि 50 एमएम गहराई तक की प्रीमिक्स परत क्रैक हो चुकी है। इसी वजह से 50 एमएम गहराई तक प्रीमिक्स को डायमंड कट मशीन से निकाला गया था। उस पर प्रीमिक्स की नई परत बिछाई जानी थी। प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही निजी कंपनी सीगल इंडिया यही तर्क देती रही कि अत्यधिक ठंड होने की वजह से हॉट मिक्स प्लांट शुरू नहीं किए जा सके हैं। जब तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाएगा तब ही प्रीमिक्स की ऊपरी परत बिछाई जाएगी।

हादसों में कई लोगों की जान

सीगल इंडिया कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट जितेंद्र सिंह ने बताया था कि जब प्रीमिक्स तैयार की जाती है तो उसका अपना तापमान ही 165 डिग्री के लगभग होता है। इस वजह से तकनीकी तौर पर 10 डिग्री तापमान से ऊपर प्रीमिक्स की परत बिछा देना ठीक रहता है। डेढ़ महीने की अवधि के दौरान उखाड़ी गई सड़क की वजह से कई हादसे हुए। कई लोगों की जान गई और कई घायल भी हुए।

अब ट्रैफिक समस्या पैदा होने का दिया तर्क

जितेंद्र सिंह ने स्वीकार किया कि प्रीमिक्स बिछाने के लिए तकनीकी तौर पर तो तापमान न्यूनतम 10 डिग्री सेल्सियस होना ही चाहिए लेकिन समस्या इस बात की है कि हाईवे के ऊपर उस समय ही काम करना पड़ रहा है, जब वाहनों का आवागमन कुछ काम हो। पीक आवर्स में या दिन में सड़क बिछाने से तो ट्रैफिक संचालन में भारी समस्या उत्पन्न हो सकती है।

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