मास्टर जीः शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अफसरों को पढ़ाया पाठ, बैठक की बात मीडिया तक न पहुंचे

पंजाब स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट की परीक्षा में पंजाबी के प्रश्न पत्र में इतनी गलतियां थीं कि उन्हें देखकर परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी दे रहे स्टाफ भी सकते में आ गया।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Thu, 23 Jan 2020 04:54 PM (IST) Updated:Thu, 23 Jan 2020 07:38 PM (IST)
मास्टर जीः शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अफसरों को पढ़ाया पाठ, बैठक की बात मीडिया तक न पहुंचे
मास्टर जीः शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने अफसरों को पढ़ाया पाठ, बैठक की बात मीडिया तक न पहुंचे

जेएनएन [अंकित शर्मा]। शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार मंगलवार को शहर में आए पर मीडिया से दूरी बनाए रखी। उनकी जिले में चेकिंग और शिक्षकों के साथ बैठक का कार्यक्रम पहले से ही तय था। एक महीने पहले ही शेड्यूल बनकर दफ्तरों में पहुंच गया था। यदि कुछ बचा था, तो वह था बैठक का स्थान। बैठक की जगह भी कुछ दिन पहले तय हो गई। लेकिन ऊपर से ऐसी सख्त हिदायतें थी कि कोई भी बैठक की जगह बताने को तैयार नहीं था। शिक्षा अधिकारी भी यही कहते रहे कि शिक्षा सचिव आए थे और वह सुबह गांव शंकर में लड़कियों के स्कूल में गए। वहीं से लौट गए। जबकि हकीकत यह है कि शिक्षा सचिव कृष्ण कुमार ने सीटी इंस्टीट्यूट शाहपुर कैंपस में अध्यापकों से बैठक की। उनकी समस्याएं सुनीं और निर्देश दे गए कि यह बात मीडिया तक न पहुंचे। मकसद अध्यापकों की परेशानियां अखबारों की सुर्खियां ना बन सकें।

सवालों में परीक्षा

पंजाब स्टेट टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (टेट) की परीक्षा रविवार को हुई। जिले के करीब आठ हजार परीक्षार्थियों ने 12 केंद्रों में परीक्षा दी। अध्यापकों की योग्यता जांचने के लिए ली गई परीक्षा में पंजाबी के प्रश्न पत्र में इतनी गलतियां थीं कि इन्हें देखकर परीक्षार्थियों के साथ-साथ परीक्षा केंद्रों में ड्यूटी दे रहे स्टाफ के भी कान खड़े हो गए। सभी पेपर सेट करने वालों को कोस रहे थे। बोल रहे थे कि जिनकी योग्यता पर प्रश्न पत्र ने ही कई सवाल खड़े कर दिए हैं वह दूसरों की योग्यता क्या खाक जांचेंगे। पंजाबी के एक पैराग्राफ में करीब 20 से 25 गलतियां थी। अध्यापकों की पात्रता परीक्षा में पंजाबी के इस प्रश्न पत्र ने विभाग की कार्यप्रणाली को भी सवालों के कठघरे में ला खड़ा कर दिया है।

शर्मनाक हरकत

शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलने वाले आदेशों को तुरंत लागू करवाने के लिए वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है। इस ग्रुप में पिछले दिनों करतारपुर के प्रधानाचार्य ने कुछ आपत्तिजनक सामग्री डाल दी। चूंकि इस ग्रुप में बहुत सारी महिला प्रधानाचार्य और अध्यापिकाएं भी हैं। इसलिए ग्रुप के सभी सदस्यों को यह सामग्री नागवार गुजरी और मामला भड़क गया। सभी ने इसकी शिकायत ग्रुप एडमिन जिला शिक्षा अधिकारी की। जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रिंसिपल की जमकर क्लास लगाई। परंतु कहते हैं ना कि एक बार किसी बेशर्म की नाक पर पेड़ उग आया और वो कहने लगा कि चलो छाया ही सही। यही हाल इस प्रधानाचार्य के भी हैं। इतनी बेइज्जती होने के बाद भी उन्हें इसकी शर्म नहीं है। बैठकों में ऐसे गर्दन उठाकर पहुंचते हैं जैसे कुछ हुआ ही नहीं है।

हाउस रेंट की चिंता

पिछले दिनों सांसद चौधरी संतोख सिंह स्पोट्स कॉलेज में एथलेटिक्स ट्रैक का हाल जानने गए थे। स्पोर्ट्स कॉलेज में प्रधानाचार्य के दफ्तर पहुंचे। वहां जिला शिक्षा अधिकारी भी बैठे थे। सांसद स्पोर्ट्स कॉलेज में कम हो रही छात्रों की संख्या के बारे में पूछ रहे थे। इसी बीच वहां मेरिटोरियस स्कूल के प्रधानाचार्य जसबीर लाल भी पहुंच गए। इससे पहले कि स्पोर्ट्स कॉलेज की प्रधानाचार्य छात्रों की घटती संख्या पर कुछ बोलतीं, जसबीर लाल सांसद महोदय के सामने अपनी फाइल रखकर बोलने लगे- मुझे लंबे समय से हाउस रेंट नहीं मिल रहा है। देखो मैं अपनी फाइल भी लेकर आया हूं। इसका हल कीजिए। उन्हें देख सभी मन ही मन यही सोच रहे थे। यहां स्पोर्ट्स कॉलेज खाली हो रहा है और इन्हें हाउस रेंट की पड़ी है।

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