शहरनामाः पार्टी की किरकिरी में सबसे आगे भाजपाई, जानें क्यों प्रदर्शन की नई जगह अपनाई

जालंधर में दिग्गज भाजपा नेताओं के बीच खींचतान इस कदर बढ़ गई है कि अब वे अपने विधानसभा हलके में अन्य नेताओं को धरना प्रदर्शन नहीं करने दे रहे हैं।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Mon, 23 Dec 2019 12:33 PM (IST) Updated:Mon, 23 Dec 2019 12:33 PM (IST)
शहरनामाः पार्टी की किरकिरी में सबसे आगे भाजपाई, जानें क्यों प्रदर्शन की नई जगह अपनाई
शहरनामाः पार्टी की किरकिरी में सबसे आगे भाजपाई, जानें क्यों प्रदर्शन की नई जगह अपनाई

जालंधर, जेएनएन। मामला भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से जुड़ा है। भाजपा नेताओं के बीच चल रहे शीत युद्ध को लेकर बीच सड़क पर पार्टी की किरकिरी करवाने से लेकर हर मोर्चे पर एक-दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ लगी है। नतीजतन मंडलों के चुनाव तक में भाजपाई आमने-सामने हो रहे हैं। भाजपा नेताओं में विवाद आज से नहीं बल्कि वर्षों से चल रहा है। बड़ा विवाद नॉर्थ व सेंट्रल हलके पर कब्जे को लेकर है।

जाहिर सी बात है कि दोनों हलकों में जिन भी नेताओं ने वर्षों तक मेहनत करके सियासी फसल तैयार की है वह किसी दूसरे को अपने सियासी खेत में कैसे घुसने दे सकते हैं। इसी कारण इन दोनों हलकों में घुसपैठ को लेकर भाजपा के दिग्गज नेताओं में शीत युद्ध चल रहा है। इसका मजा पूरा शहर ले रहा है। बीते दिनों हुई घटनाओं में थप्पड़ कांड अभी तक लोगों को नहीं भूला है। इसके बाद भाजपा के होने वाले प्रदर्शनों व धरनों में भाजपाइयों से ज्यादा पुलिस व बाउंसर दिखाई दे रहे हैं। प्रदर्शनों में जितनी संख्या में भाजपाई होते हैं उससे दोगुनी संख्या में सुरक्षा बल दिखाई देते हैं।

इन हालात में अचानक शहरी भाजपा प्रशासन ने धरना-प्रदर्शन स्थल ही बदल दिया है। सत्ता के गलियारों में सियासी पंडित इसे अलग-अलग तरीकों से देख रहे हैं। कोई कह रहा है कि भाजपा ने नई परंपरा शुरू की है कि प्रदर्शन स्थल पटेल चौक कर दिया है। खबरनवीसों ने भी इस मामले को बारीकी से सोचा तो कुछ तस्वीर साफ होती दिखाई दी कि इसके अंदर की राजनीति यह है कि तमाम भाजपाइयों ने यह बीच का रास्ता निकाला है कि पार्टी दफ्तर के पास ही पुतला फूंक कर जो प्रदर्शन करने हैं कर लो, जिससे एक-दूसरे के हलके में शक्ति प्रदर्शन करने का किसी को मौका न मिले।

नई घड़ी का उद्घाटन मैराथन में

मामला युवाओं के लगे करियर गाइडेंस मेले से जुड़ा है। मेले की सफलता को लेकर जिला प्रशासन की तरफ से बीते दिनों सुबह-सुबह कड़ाके की सर्दी में मैराथन करवाई गई थी। मैराथन में ज्यादा युवाओं ने शिरकत न करके सिद्ध कर दिया कि वह ज्यादा उत्साहित नहीं हैं, लेकिन मेले को हर हाल में सफल बनाने के लिए कई सप्ताह से दिन-रात एक करने में जुटे प्रशासनिक अधिकारियों ने खुद जरूर मैराथन में शिरकत की। जब मैराथन में भागना है तो कैलोरीज तो कम होंगी ही। कितनी कैलोरीज कम हुई इसका आकलन कैसे और कौन करे।

नतीजतन, एक प्रशासनिक अधिकारी को हाल ही में तोहफे में मिली स्मार्ट वाच मैराथन में महोदय के काम आई और उन्होंने दौड़ लगाने से पहले बाकायदा घड़ी की सेटिंग की और उसके फीचर्स के बारे में मातहत अधिकारियों से जानकारी ली। इसके बाद क्या था स्मार्ट वाच का कमाल ऐसा दिखा कि सभी ने दांतों तले उंगली दबा ली। महोदय जमकर भागे और अपने से आधी उम्र के अधिकारियों को पीछे छोड़ दिया। मौके पर एक अधिकारी ने धीरे से चुटकी भी ले डाली कि जनाब स्मार्ट वाच भगाती भी तेज है, तभी आप आगे निकल गए।

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