दूसरी पॉलिसी का तर्क दे किया था डेथ क्लेम खारिज, अब देने होंगे नौ लाख Jalandhar News

कंज्यूमर फोरम में इंश्योरेंस कंपनी ने यह दलील दी कि शामलाल के पास पहले ही इंश्योरेंस पॉलिसी थी और यह बात उसने कंपनी से छुपाई थी।

By Edited By: Publish:Wed, 31 Jul 2019 08:10 PM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 04:05 PM (IST)
दूसरी पॉलिसी का तर्क दे किया था डेथ क्लेम खारिज, अब देने होंगे नौ लाख Jalandhar News
दूसरी पॉलिसी का तर्क दे किया था डेथ क्लेम खारिज, अब देने होंगे नौ लाख Jalandhar News

जेएनएन, जालंधर। दूसरी पॉलिसी व मौत के कारणों का तर्क देकर इंश्योरेंस कंपनी के डेथ क्लेम खारिज करने के फैसले को जिला कंज्यूमर फोरम ने पलट दिया है। पर्याप्त सबूत न देने पर फोरम ने स्टार यूनियन डाइ इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को मृतक की पत्नी को नौ लाख का डेथ क्लेम देने के आदेश दिए हैं। इसके लिए महीने का वक्त दिया गया है। अगर तय वक्त पर पैसे नहीं दिए तो कंपनी को शिकायत देने की तारीख नौ अगस्त 2016 से लेकर पैसे देने तक 12 फीसद ब्याज भी देना होगा।

फिरोजपुर के शेखां वाली की रहने वाली रानी ने फोरम में शिकायत दी कि 2014 में स्टार यूनियन डाइ इची लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड का प्रतिनिधि उनके पति शाम लाल से मिला और उसके दावे के बाद इंश्योरेंस पॉलिसी ले ली। इसमें वह नॉमिनी थी और यह नौ लाख का इंश्योरेंस था। 13 सितंबर 2014 को पति की मौत हो गई जिस पर कंपनी को संबंधित दस्तावेज सौंपकर क्लेम कर दिया।

कंपनी ने इन्वेस्टिगेटर नियुक्त किया, जिसने दस्तावेजों की फोटो कॉपी के साथ कुछ खाली पेपरों व फार्मों पर हस्ताक्षर ले लिए। उन्हें कहा गया कि क्लेम जल्द मिल जाएगा मगर कुछ समय बाद कंपनी ने कहा कि उनका क्लेम खारिज कर दिया गया है। इसके पीछे कारण दिया कि शामलाल के पास पहले ही इंश्योरेंस पॉलिसी थी और यह बात उसने कंपनी से छुपाई। रानी ने कहा कि पॉलिसी लेते वक्त सारे फॉर्म एजेंट ने ही भरे थे। वैसे भी, इस पॉलिसी का पिछली पॉलिसियों से कोई संबंध नहीं था।

पर्याप्त सबूत न होने पर कंपनी के दावे रद

फोरम से नोटिस पर कंपनी ने जवाब दिया कि रानी के पति ने किसी दूसरी कंपनी से पॉलिसी ले रखी थी जो इंश्योरेंस रेगुलेटरी एवं डवलपमेंट अथॉरिटी के प्रोवीजन ऑफ रेगुलेशन 6.2 का उल्लंघन है। इसके लिए उन्होंने इंडीपेंडेंट इन्वेस्टिगेटर भी नियुक्त किया था। उन्होंने खाली पेपरों पर हस्ताक्षर लेने की बात भी नकार दी। इन्वेस्टिगेटर के सर्वे में सामने आया कि रानी के पति ने पहले ही किसी दूसरी कंपनी का नौ लाख का इंश्योरेंस कवर ले रखा था।

इसके अलावा उन्हें दो अलग-अलग डॉक्टरों सतनाम सिंह व इकबाल सिंह से शामलाल की डेथ रिपोर्ट मिली। दोनों में मौत का कारण अलग-अलग था। फोरम ने सुनवाई के दौरान कहा कि कंपनी ने जो दावे किए हैं, उसके बारे में पर्याप्त सबूत नहीं हैं। जिससे शिकायतकर्ता राहत का हकदार है।

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