सरकार से खफा उद्योगपति बजट में देख रहे राहत की राह

पंजाब विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को शुरू हो गया है और सरकार की नजरअंदाजी से खफा उद्योगपति बेसब्री से बजट में मिलने वाली राहत की राह देख रहे हैं।

By Edited By: Publish:Tue, 12 Feb 2019 10:38 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 10:00 AM (IST)
सरकार से खफा उद्योगपति बजट में देख रहे राहत की राह
सरकार से खफा उद्योगपति बजट में देख रहे राहत की राह

जागरण संवाददाता, जालंधर। पंजाब विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को शुरू हो गया है और सरकार की नजरअंदाजी से खफा उद्योगपति बेसब्री से बजट में मिलने वाली राहत की राह देख रहे हैं। सरकार पर अपनी ही इंडस्ट्री को नजरअंदाज करने, टैक्स की ऊंची दरें रखने, निवेश से दूर भाग रहे एनआरआई आदि मसलों को लेकर उद्योगपतियों की राय है कि अगर इस बार भी सरकार ने बजट में कोई राहत न दी तो फिर इंडस्ट्री का पंजाब में टिके रहना लगभग मुश्किल हो जाएगा। मात्र उद्योगपति ही खफा नहीं है, बल्कि आमजन भी महंगाई की मार झेल रहा है। जालंधर के उद्योगपतियों को पंजाब सरकार के बजट से क्या उम्मीदें हैं, यह जानने के लिए दैनिक जागरण ने विभिन्न व्यवसायों से संबंधित उद्योगपतियों से बातचीत की।

पॉलिसी ऐसी हो कि लोकल इकाइयों से पहले हो खरीद : रमणीक हांडा

डिवाइनटैक इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के रमणीक हांडा ने कहा कि पंजाब ही ऐसा राज्य है, जो अपनी ही इंडस्ट्री का खरीदार नहीं है। पंजाब में मैन्युफैक्चरिंग करने वाले यूनिट्स को अन्य राज्यों में जाकर अपने उत्पाद बेचने पड़ रहे हैं, जबकि पंजाब सरकार अन्य राज्यों की इकाईयों से सामान खरीद रही है। रमणीक हांडा ने कहा कि इंडस्ट्री को प्रोत्साहन देने की बजाय पंजाब सरकार उद्योगपतियों को हतोत्साहित कर रही है। बजट में ऐसे प्रावधान रखे जाएं कि पंजाब सरकार के विभाग पहले पंजाब में ही मैन्युफैक्चरिंग कर रही इकाइयों से सामान खरीदें और उसके बाद बाहरी राज्यों से सामान खरीदने के बारे में सोचा जाए।

स्माल स्केल इंडस्ट्री को नजरअंदाज कर रही सरकार : अरविंद धूमल

लघु उद्योग भारती के पंजाब प्रांत के अध्यक्ष अरविंद धूमल ने कहा कि इस समय पंजाब में स्माल स्केल इंडस्ट्री पंजाब सरकार की नजरअंदाजी की शिकार है। मात्र दावे किए जा रहे हैं और छोटे उद्योगों को बचाने के लिए कुछ भी नहीं किया जा रहा है। स्थानीय स्तर के मसले ही इंडस्ट्री को बर्बाद कर रहे हैं। छोटे उद्योगपतियों के पास यूनिट लगाने को जमीन नहीं है और जमीन के मालिक न होने के चलते बैंक कर्ज नहीं दे रहे हैं। बटाला, जालंधर, लुधियाना, सरहिंद आदि शहरों की छोटी इंडस्ट्री सरकार की नीतियों की वजह से बर्बाद हो गई हैं। बजट में सरकार स्माल स्केल इंडस्ट्री को बचाने के लिए राहत दे और कोई भी योजना बनाने से पहले छोटे उद्योगपतियों की राय जरूर जाने।

पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट वसूलना बंद करे सरकार : मोंटी गुरमीत

पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन, पंजाब के प्रवक्ता मोंटी गुरमीत सिंह सहगल ने कहा कि अगर इस समय पंजाब में कोई इंडस्ट्री बुरे दौर से गुजर रही है तो वह पेट्रोलियम ही है। सरकार ने अपना खजाना भरने की कवायद में पेट्रोल पर वैट की दर पूरे उत्तर भारत में सबसे ज्यादा रखी हुई है। नतीजा यह निकला है कि चंडीगढ़ से ही पंजाब में पेट्रोल 10 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा महंगा है और यही हाल डीजल का भी है जो कृषि प्रधान राज्य में 4 रुपये महंगा बिक रहा है।

ग्लास इंडस्ट्री से रेवेन्यू चाहिए तो टैक्स कम करें : परमिंदर सिंह

ग्लास मैन्युफैक्चर्र एवं ट्रेडर परमिंदर सिंह ने कहा कि इस समय पंजाब में ग्लास के ऊपर 18 फ़ीसद टैक्स वसूला जा रहा है। मांग होने के बावजूद टैक्स की ऊंची दरों को देखते हुए उपभोक्ता ग्लास खरीदने से गुरेज करने लगे हैं। इसी कारण चोरी बढ़ी है। बिना बिल के ही माल खरीदने को तरजीह दी जा रही है। अगर सरकार चाहती है कि ग्लास इंडस्ट्री से रेवेन्यू प्राप्त हो तो कम से कम टैक्स को 8 फीसद की दर पर लाया जाना चाहिए, जो पहले भी इसी दर पर था।

इलेक्ट्रिक वाहनों पर टैक्स होना चाहिए माफ : विलखू

सतलुज मोटर्स के इंजीनियर कुलवंत सिंह विलखू ने कहा कि इस समय इलेक्ट्रिक वाहन समय की मांग है। दुनिया भर में इलेक्ट्रिक वाहनों के ऊपर प्रयोग चल रहे हैं और उन्हें प्रोत्साहित किया जा रहा है, लेकिन पंजाब ऐसा राज्य है, जहां इलेक्ट्रिक ऑटो के ऊपर भी 12 फीसद टैक्स वसूला जा रहा है। इसे खत्म किया जाना चाहिए और इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की उद्योग विरोधी नीतियों की वजह से ही सारा निवेश गुजरात, हिमाचल, हरियाणा आदि राज्यों में हो रहा है। भारी संख्या में पंजाब के एनआरआई विदेशों में सेटल हैं और वे ही पंजाब में निवेश करने को तैयार नहीं है।

छोटे दुकानदार बोले- सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं

जासं, जालंधर। हैंडलूम की दुकान चलाने वाले रंजीत सिंह ने कहा कि सरकार से उन्हें कोई उम्मीद नहीं है। वजह यह है कि सरकार की तरफ से अब तक ट्रेडर्स के साथ किया गया कोई वादा पूरा नहीं किया गया। व्यापारी एपी गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने युवाओं को स्मार्ट फोन देने का वादा किया था, वह पूरा नहीं हुआ। जनहित में चलाई स्कीमें सरकार ने बंद कर दीं। सरकार को गरीब व मध्यवर्गीय लोगों के लिए काम करना चाहिए। दवा की दुकान चलाने वाले डा. जोगिंदर सिंह ने कहा कि पंजाब में नशा पहले से कम हुआ है। नशामुक्ति केन्द्र बन गए हैं। सरकार ने बजट पर दवा पर टैक्स कम करना चाहिए या दवाइयों को टैक्स फ्री ही कर देना चाहिए।

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