हिमाचल प्रदेश में मात्र 50% यात्रियों के साथ हो रही बसों की एंट्री, Punjab Roadways को उठाना पड़ रहा आर्थिक नुकसान

लॉकडाउन की अवधि के दौरान हिमाचल में बंद रही अंतर राज्य बस सेवा को एक जुलाई से चालू तो कर दिया गया है लेकिन बसों को मात्र 50 फीसद यात्रियों के साथ ही प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sun, 04 Jul 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sun, 04 Jul 2021 02:37 PM (IST)
हिमाचल प्रदेश में मात्र 50% यात्रियों के साथ हो रही बसों की एंट्री, Punjab Roadways को उठाना पड़ रहा आर्थिक नुकसान
हिमाचल में बसों को मात्र 50 फीसद यात्रियों के साथ ही प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।

जालंधर, [मनुपाल शर्मा]। अनलॉकिंग प्रक्रिया के दौरान हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से लिया गया फैसला पंजाब रोडवेज के लिए नुकसान की वजह बन बैठा है। लॉकडाउन की अवधि के दौरान हिमाचल में बंद रही अंतर राज्य बस सेवा को एक जुलाई से चालू तो कर दिया गया है, लेकिन बसों को मात्र 50 फीसद यात्रियों के साथ ही प्रवेश करने की अनुमति दी गई है।

पंजाब रोडवेज के समक्ष समस्या यह है कि पंजाब के विभिन्न शहरों से अगर हिमाचल प्रदेश के सीधे यात्रियों की संख्या 50 फीसद से ज्यादा हो जाती है तो फिर बस को हिमाचल में प्रवेश नहीं मिलता है। कमाई के मद्देनजर पंजाब रोडवेज हिमाचल की सीमा तक सौ फीसद यात्रियों को ले जाने की ही कोशिश में है, लेकिन हिमाचल सीमा के ऊपर 50 फीसद से ज्यादा यात्रियों को उतारना भी संभव नहीं है। हिमाचल सीमा के ऊपर ऐसा कोई बड़ा बस स्टेशन मौजूद नहीं है, जहां यात्रियों को अन्य बस मिल सके। इसी असमंजस के चलते पंजाब रोडवेज हिमाचल के रूटों पर बीते 4 दिन से नियमित बस सेवा ही शुरू नहीं कर सकी है।

पंजाब रोडवेज जालंधर के जनरल मैनेजर नवराज बातिश ने कहा है कि सोमवार से हिमाचल के कुछ रूटों के ऊपर बस सेवा का संचालन शुरू कर एक्सपेरिमेंट किया जाएगा। कोशिश यही रहेगी कि होशियारपुर तक सौ फीसद यात्रियों को ले जाया जाए और होशियारपुर से मात्र 50 फीसद यात्रियों को ही बस में सवार करवाया जाए, लेकिन जालंधर से सीधे हिमाचल की सवारी भी 50 फीसद से ज्यादा नहीं बिठाई जाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि हिमाचल प्रदेश के इस फैसले की वजह से पंजाब रोडवेज को तो भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

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