जिमखाना क्लब में नहीं बनीं कमेटियां, सियासत में उलझे सदस्यों के कारण बिगड़ सकती है क्लब की छवि
क्लब के जीएम कमलजीत सिंह का कहना है कि कुछ सदस्य राजनीति कर क्लब का माहौल खराब करने की ताक में हैं। उनके प्रयास कामयाब नही होने दिए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, जालंधर: जिमखाना क्लब की कार्यकारिणी भंग होने के 48 घंटे के बाद एडहॉक कमेटी का गठन हुआ। इसके एक सप्ताह बाद भी क्लब में विभिन्न कार्यक्रमों व विभागों से संबंधित सब कमेटियों के गठन व जिम्मेवारी को लेकर किसी ने सुधबुध नहीं ली है। क्लब की कार्यप्रणाली को चलाने के लिए 11 कमेटियां काम कर रही थीं। नतीजतन क्लब में होने वाले कार्यक्रमों की व्यवस्था बिगडऩे से सदस्यों में खासा रोष है।
पुराने सदस्य करने लगे राजनीति, बिगड़ सकती है क्लब की छवि
एडहॉक कमेटी के गठन के एक सप्ताह बाद भी कमेटियों का वितरण न होने से कामकाज की व्यवस्था बिगडऩे लगी है। अव्यवस्था को लेकर क्लब में पुराने सदस्य भी राजनीति करने लगे हैं। रविवार को क्लब परिसर में हुए तंबोला के दौरान अव्यवस्था का आलम इसकी ताजा मिसाल है। महिलाओं को तंबोला खेलने के साथ बसंत क्वीन के चयन को लेकर खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। मामले को लेकर महिला सदस्यों ने गहमागहमी भी की। क्लब के सदस्यों का कहना है कि अव्यवस्था के कारण क्लब की छवि बिगड़ सकती है। जिमखाना क्लब और अन्य संस्थाओं में खास अंतर नही रह जाएगा। क्लब में अनुशासन भी भंग होने लगा है।
जल्द किया जाएगा कमेटियों का गठन : सचिव
कार्यकारिणी के कार्यकाल के दौरान 11 कमेटियां गठित कर हर विभाग व काम पर निगरानी रखी जा रही थी। क्लब के सचिव व एसडीएम संजीव शर्मा ने बताया कि इस संबंध में क्लब के प्रधान से बैठक कर कमेटियों का गठन किया जाएगा और समस्या का समाधान किया जाएगा। उन्होंने क्लब में अनुशासन को भंग करने वालों को भी चेतावनी दे दी है।
क्लब का माहौल खराब नहीं होने देंगे : जीएम
क्लब के जीएम कमलजीत सिंह का कहना है कि कुछ सदस्य राजनीति कर क्लब का माहौल खराब करने की ताक में हैं। उनके प्रयास कामयाब नही होने दिए जाएंगे। क्लब के प्रधान के आदेशों के अनुसार जल्द ही कमेटियां एडहॉक कमेटी के सदस्यों में वितरित की जाएगी।