जिमखाना क्लबः कार्यकारिणी भंग होने के 36 घंटे बाद भी नहीं बनी एडहॉक कमेटी, सदस्यों में रोष

एजीएम के 36 घंटे बाद भी एडहाॅक कमेटी न बनने से सदस्यों में गहरी निराशा है। वहीं, चुनाव मई के बाद करवाने की घोषणा के बाद सदस्यों व नेताओं का जोश ठंडा पड़ गया है।

By Pankaj DwivediEdited By: Publish:Tue, 05 Feb 2019 03:21 PM (IST) Updated:Tue, 05 Feb 2019 03:21 PM (IST)
जिमखाना क्लबः कार्यकारिणी भंग होने के 36 घंटे बाद भी नहीं बनी एडहॉक कमेटी, सदस्यों में रोष
जिमखाना क्लबः कार्यकारिणी भंग होने के 36 घंटे बाद भी नहीं बनी एडहॉक कमेटी, सदस्यों में रोष

जागरण संवाददाता, जालंधर। जिमखाना क्लब में रविवार को एजीएम के दौरान कार्यकारिणी भंग होने के बावजूद मंगलवार दोपहर तक एडहॉक कमेटी गठित नहीं हो पाई है। एजीएम के 36 घंटे बाद भी एडहाॅक कमेटी न बनने से सदस्यों में गहरी निराशा है। वहीं, चुनाव मई के बाद करवाने की घोषणा के बाद सदस्यों व नेताओं का जोश ठंडा पड़ गया है। क्लब में चहल-पहल में भी कमी आई है।

मंगलवार को भी रोजमर्रा की तरह पदाधिकारी अपने-अपने कार्यालय में कामकाज करते हुए दिखे। क्लब के सदस्यों ने कार्यकारिणी भंग होने के बाद अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने के मामले पर सवालिया निशान लगाए हैं। सदस्यों का कहना है कि क्लब के प्रधान व वरिष्ठ उपप्रधान अति व्यस्त हैं। इसलिए, क्लब को चलाने के लिए जल्द एडहाॅक कमेटी का गठन जरूरी है। किसी अधिकारी को कमान सौंप क्लब की कार्यप्रणाली को सुचारू ढंग से चलाया जाए। फिलहाल पूरे क्लब के कामकाज का बोझ जनरल मैनेजर के कंधों पर आ पड़ा है।

इस बीच, क्लब कार्यकारिणी के निवर्तमान सचिव व वित्त सचिव पूरा दिन पुरानी फाइलों का काम निपटाने में जुटे रहे। क्लब के जीएम कमलजीत सिंह का कहना है कि क्लब के प्रधान की ओर से एडहाॅक कमेटी का गठन नहीं किया गया है। कार्यकारिणी भंग होने के बाद वह क्लब की कार्यप्रणाली को चलाने में सहयोग कर रहे हैं।

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