Jalandhar Teachers Protest: बेरोजगार अध्यापकों की पुलिस से धक्का-मुक्की, शिक्षा मंत्री की काेठी के आगे की नारेबाजी; सुरक्षा कड़ी

Jalandhar Teachers Protest बीएड टेट पास बेरोजगार अध्यापक यूनियन के सदस्य मंगलवार काे शिक्षा मंत्री परगट सिंह की काेठी का घेराव करने पहुंचे। पुलिस की तरफ से आगे नहीं जाने देने के विराेध में विराेध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:43 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 04:55 PM (IST)
Jalandhar Teachers Protest: बेरोजगार अध्यापकों की पुलिस से धक्का-मुक्की, शिक्षा मंत्री की काेठी के आगे की नारेबाजी; सुरक्षा कड़ी
कोठी के आगे सुरक्षा के लिए कंटीली तारें तथा सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। (जागरण)

जासं, जालंधर। Jalandhar Teachers Protest: बीएड टेट पास बेरोजगार अध्यापक यूनियन के सदस्य मंगलवार काे शिक्षा मंत्री परगट सिंह की काेठी का घेराव करने पहुंचे। पुलिस की तरफ से आगे नहीं जाने देने के विराेध में विराेध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कोठी के बाहर अध्यापकों और पुलिस के बीच निरंतर धक्का-मुक्की जारी है और सभी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं कि वह अपना हक लिए बिना वापस नहीं जाएंगे क्योंकि इससे पहले भी शिक्षा मंत्री की तरफ से उन से तीन बार बैठक करके उन्हें केवल आश्वासनों का नारा ही दिया है।

प्रदर्शन के दौरान पुलिस की तरफ से महिला शिक्षकों पर वर्दी में हाथ डालने के भी आरोप लगाए गए मगर महिला शिक्षिकाओं का यही कहना था कि वह वर्दी पर हाथ नहीं डाल रहे हैं। शिक्षा मंत्री की कोठी के पास बैरीकेड्स लगाए हुए थे। इसके साथ ही पुलिस ने सुरक्षा कड़ी की है। अभी तक इससे पहले यूनियन के सदस्यों की तरफ से दो बार कोठी का घेराव किया जा चुका है, ऐसे में शिक्षा मंत्री की कोठी के बाहर भी बड़ी तादाद में फोर्स एक दिन पहले ही तैनात कर दी गई है। यही नहीं डीएसपी रैंक के अधिकारियों की भी डयूटी लग गई है, ताकि किसी प्रकार की कोई भी अप्रिय घटना न हो।

वहीं जिस तरफ शिक्षा मंत्री की कोठी है, उसी गली से कुछ दूरी पर बैरीकेड्स लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया है। जहां पर किसी को भी आगे आने की इजाजत नहीं दी जा रही हैं। इन बैरीकेड्स के ऊपर कंटीली तार लगाई गई है और उसके ठीक ऊपर सीसीटीवी भी लगाए हुए हैं। ताकि हर गलत हरकत पर भी नजर रखी जा सके। इस प्रदर्शन के तहत पांच साथी बस स्टैंड पानी की टंकी के नीचे भूख हड़ताल पर बैठेंगे और मनीष-जसवंत घुबाया पानी की टंकी पर ही रह कर प्रदर्शन में साथ देंगे।

प्रदेश प्रधान सुखविंदर सिंह ढिलवां और अमन सेखो का कहना है कि सरकार की तरफ से विद्यार्थियों को शिक्षा का अधिकार दिलाना केवल नाम का ही है। क्योंकि उनके लिये विषय विशेषज्ञ अध्यापकों की पोस्टें सरकार की तरफ से घटाई जा रही है। एक अध्यापक को अपनी विशेषज्ञता वाले विषय के अतिरिक्त विषय पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इसलिए उनकी यही मांग है कि सरकार जल्द से जल्द हिंदी, पंजाबी और एसएसटी विषय की नौ हजार पोस्टों का नोटिफिकेशन जल्द से जल्द जारी किया जाए।

इसी मांग को लेकर 17 नवंबर की मीटिंग में सरकार की तरफ से 22 नवंबर तक उनकी मांगों को पूरा करने आश्वासन दिया था। यूनियन ने 22 नवंबर तक मांगें पूरी न करने पर 23 नवंबर को धरने की चेतावनी दी थी। जिसके नतीजे के तौक पर अभी तक कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है।

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