लायलपुर खालसा कॉलेज में पांचवा रोजगार मेला, खाली नजर आए कंपनियों को अलॉट किए कमरे

प्रशासन ने 49 कंपनियों को रोजगार मेले में बेरोजगारों को नौकरियां देने के लिए बुलाने का दावा किया है। हालांकि कई कमरे खाली नजर आए।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Sat, 28 Sep 2019 02:54 PM (IST) Updated:Sat, 28 Sep 2019 05:51 PM (IST)
लायलपुर खालसा कॉलेज में पांचवा रोजगार मेला, खाली नजर आए कंपनियों को अलॉट किए कमरे
लायलपुर खालसा कॉलेज में पांचवा रोजगार मेला, खाली नजर आए कंपनियों को अलॉट किए कमरे

जालंधर, जेएनएन। पंजाब सरकार की तरफ से चलाई गई घर-घर रोजगार स्कीम के तहत पांचवा रोजगार मेला लायलपुर खालसा कॉलेज में लगाया गया है। इस दौरान प्रशासन ने 49 कंपनियों को रोजगार मेले में बेरोजगारों को नौकरियां देने के लिए बुलाने का दावा किया है। हालांकि कुछ कंपनियों को अलॉट किए कमरे खाली नजर आए। वहीं, नौकरी के लिए पहुंचे बेरोजगारों के साथ-साथ कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों ने भी कंपनियों के पास इंटरव्यू दिया। प्रशासन की तरफ से देर शाम नौकरी पाने वालों का आंकड़ा जारी किया जाएगा।

इंटरव्यू देते अभ्यार्थी।

अनपढ़ से नौवीं तक बेरोजगारों से 'धोखा'

वहीं इससे पहले रोजगार मेले के नाम पर अनपढ़ से नौवीं तक के बेरोजगारों के साथ कैप्टन सरकार व प्रशासन द्वारा धोखा किए जाने की बात उजागर हुई थी। दरअसल, प्रशासन प्रचार कर रहा है कि अनपढ़, पांचवी वालों को भी नौकरियां दे रहे हैं, लेकिन बीते मंगलवार को डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिग एंड टेक्नोलॉजी (डेविएट) में लगे रोजगार मेले में ऐसे लोगों के लिए कोई नौकरी ही नहीं थी। प्रशासन ने मेले के प्रवेश पर बोर्ड लगा रखा था कि अनपढ़, पांचवीं, दसवीं, बारहवीं, आइटीआइ डिप्लोमा, ग्रेजुएट व पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगार युवा इसका लाभ उठा सकते हैं। इस बोर्ड से चंद कदम आगे प्रशासन ने 'घर-घर रोजगार' का दूसरा बोर्ड लगा रखा है जिसमें 44 कंपनियों के मौजूद होने की जानकारी है लेकिन इसी बोर्ड में कंपनियों ने न्यूनतम दसवीं की योग्यता रखी है। उससे नीचे पढ़े-लिखे बेरोजगारों के लिए कोई नौकरी नहीं थी। वहां मौजूद कंपनियों ने भी माना कि आज के दौर में अनपढ़ से लेकर आठवीं तक के बेरोजगार को नौकरी देना मुश्किल है।

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