पंजाब की इंडस्ट्री के 110 करोड़ रुपये विदेशी खरीदारों के पास फंसे, EEPC लेने जा रही है यह एक्शन
पंजाब में स्पोर्ट्स एक्सपोर्टरों के 40 करोड़ रुपये हैंडटूल इंडस्ट्री के 30 करोड़ रुपये और लेदर इंडस्ट्री की 40 करोड़ रुपये विदेशी खरीदारों के पास फंसे हैं।
जालंधर [कमल किशोर]। राज्य की इंडस्ट्री का कारोबार पर पटरी पर आ रहा है। तीस प्रतिशत लेबर के साथ इंडस्ट्री ने कारोबार करना शुरू कर दिया है। कारोबारी पेंडिंग व नए ऑर्डर पूरा करने में जुटे हैं। हालांकि उन्हें लाॅकडाउन के दौरान विदेशी खरीदारों के पास फंसे करोड़ों रुपये की भी चिंता सता रही है। इसे निकालने के लिए अब उन्हें इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) का ही सहारा है।
ईईपीसी खरीदारों को ई-मेल के जरिए नोटिस भेज रही है। इनका जवाब एगर एक सप्ताह में आ जाता है तो रकम आने की उम्मीद बढ़ जाएगी। अगर नोटिस का जवाब तीन-चार महीने में भी नहीं आता है तो ईईपीसी उस देश की एबेंसी को ई-मेल से सूचित करती है। दूतावास फिर उस खरीदार के बारे में छानबीन करता है और रकम लौटाने का दवाब बनाता हैं। इसी बीच कई एक्सपोर्टर खुद इंडियन एबेंसी में मौजूद ट्रेड काउंसलर को सीधा ई-मेल करते हैं।
लाॅकडाउन में फंस इतनी रकम
शिकायतकर्ता का ईईपीसी का सदस्य होना जरूरी
ईईपीसी के समक्ष मामला लाने के लिए इसका सदस्य बनना जरूरी है। अगर किसी की स्माल स्केल इंडस्ट्री है और वर्ष 2018-19 में एक्सपोर्ट 25 लाख से कम है तो वह 1500 रुपये देकर सदस्य बन सकता है। कोई मर्चेंट एक्सपोर्टर है तो सात हजार रुपये मेंबरशिप फीस देनी पड़ती है।
नॉर्दन चैंबर आॅफ स्माॅल एंड मीडियम इंडस्ट्री एसो. के प्रधान शरद अग्रवाल, स्पोर्ट्स एंड टाॅय एक्सपोर्टर एसो. के प्रधान आशीष आनंद और ईईपीसी के डिप्टी डायरेक्टर ओपिंदर सिंह ने कहा कि विदेशी खरीदारों के पास फंसे रुपये लाने के लिए उन्हें ई-मेल से नोटिस भेजा गया है। जल्द अगली कार्रवाई की जाएगी।
नॉर्दन चैंबर आॅफ स्माॅल एंड मीडियम इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रधान शरद अग्रवाल ने कहा कि इंडस्ट्री की लाॅकडाउन के दौरान तीस करोड़ की रकम फंसी हुई है। खरीदार रकम नहीं दे रहा है तो ईईपीसी की सहायता ली जाती है। स्वयं भी विदेशी खरीदार के खिलाफ उसकी एबेंसी को ई-मेल भेजी जाती है। रकम निकलवाने के लिए उस खरीदार पर केस भी किया जाता है।
स्पोर्ट्स एंड टाॅय एक्सपोर्टर एसोसिएशन के प्रधान आशीष आनंद ने कहा कि सात-आठ महीने से खरीदार रकम नहीं दे रहा है। ऐसे में खरीदार के खिलाफ उस देश के चैंबर आॅफ कॉमर्स में शिकायत करनी होती है। चैंबर खरीददार पर दबाव बनाकर रकम लौटाने की राह निकालती है।
ईईपीसी के डिप्टी डायरेक्टर ओपिंदर सिंह ने कहा कि एक्सपोर्टर की फंसी रकम निकलवाने के लिए खरीदार को ई-मेल के जरिए नोटिस भेजा जाता है। ई-मेईल का जवाब ना आने पर संबंधित देश की एबेंसी को लिखा जाता है। एबेंसी उस खरीदार पर बनती कार्रवाई करते हुए रकम देने की बात कहती है।
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