हमारे योद्धाः अपना सुख त्याग कोरोना वायरस को हराने में जुटे डॉ. रमन

डॉ. रमन कहते हैं कि कोरोना वायरस सबसे पहले गले पर अटैक करता है। इसकी जांच के लिए गले के अंदर गहराई से सैंपल लेना जरूरी है।

By Edited By: Publish:Sat, 04 Apr 2020 01:01 AM (IST) Updated:Sat, 04 Apr 2020 06:23 PM (IST)
हमारे योद्धाः अपना सुख त्याग कोरोना वायरस को हराने में जुटे डॉ. रमन
हमारे योद्धाः अपना सुख त्याग कोरोना वायरस को हराने में जुटे डॉ. रमन

जालंधर, जेएनएन। कोरोना वायरस को हराने की जंग लड़ने में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ सबसे आगे है। वे अपने सुख त्यागकर मरीजों की सेवा में दिन-रात जुटे हैं। सिविल अस्पताल के ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. रमन गुप्ता डाक्टरों की टीम का अहम हिस्सा है। डॉ. रमन ने स्वाइन फ्लू के कहर के दौरान भी मरीजों को दिन रात सेवाएं प्रदान कर उन्हें राहत की सांस दिलाई थी। उनकी सेवाओं के बेहतरीन नतीजे देखते हुए विभाग ने इस बार भी उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है।

डॉ. रमन कहते हैं कि कोरोना वायरस सबसे पहले गले पर अटैक करता है। इसकी जांच के लिए गले के अंदर गहराई से सैंपल लेना जरूरी है। इसी के नतीजे पर मरीज की जिंदगी और डॉक्टरों की साख टिकी होती है। थोड़ी सी गलती बड़े हादसे का कारण बन सकती है। इसलिए किसी संदिग्ध मरीज के सैंपल लेने से पहले वे अपने मन में प्रभु का ध्यान करते हैं और फिर सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू करते है।

कोरोना से जंग के कारण रुटीन बिगड़ा

डॉ. रमन ने बताया कि पहले सुबह उठकर खुद की फिटनेस के लिए व्यायाम और बैडमिंटन का सहारा लेते थे। समय पर नाश्ता और दोपहर का खाना खाते थे। परिवार के साथ कुछ पल बिताते थे। पिछले तीन सप्ताह से सब कुछ तकरीबन बंद हो चुका है। सुबह साढ़े पांच बजे उठते है और थोड़ी सैर करते है। इसके बाद वाट्सएप पर अधिकारियों की सूचना को चैक अगली रणनीति तय करते है। मरीज आने का कोई समय निर्धारित नहीं होता और कई बार रात को डेढ़ बजे फ्री होते हैं। उनकी पत्नी डॉ. मोनिका गुप्ता भी एनस्थीसिया की स्पेशलिस्ट है। वह उनके साथ पूरा सहयोग कर रही है।

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