अनादि काल से ग्रंथों में गाय को मां का दर्जा

----------------- जागरण संवाददाता, जालंधर दिव्य ज्योति जागृति संस्थान व कमल वेलफे यर सोसायटी क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 26 May 2017 06:28 PM (IST) Updated:Fri, 26 May 2017 06:28 PM (IST)
अनादि काल से ग्रंथों में गाय को मां का दर्जा
अनादि काल से ग्रंथों में गाय को मां का दर्जा

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जागरण संवाददाता, जालंधर

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान व कमल वेलफे यर सोसायटी की तरफ से कबीर नगर में जारी श्री कृष्ण कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण द्वारा की गई गौसेवा का बखान किया गया। देसी गाय की वृद्धि व सुरक्षा को समर्पित श्री कृष्ण कथा के दौरान संस्थान के संस्थापक आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी जयंति भारती ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। कथा का आगाज अश्वनी कुमार, यशपाल, अश्वनी भारद्वाज परिवार ने पूजन करवाकर किया। इसके उपरांत कथा व्यास साध्वी जयंती भारती ने कहा कि अनादि काल से ग्रंथों में गाय को मां का दर्जा दिया गया है। ऋषियों ने भी गाय को संरक्षण दिया। कारण गाय इंसान को प्राण वायु देती है। वह सदैव ऑक्सीजन का विसर्जन करती है। गाय के शरीर से गूगल की गंध प्रवाहित होती है जो वातावरण को प्रदूषण से मुक्त करती है। भारतीय देसी गाय की अनंत महिमा को अब तो विदेशी लोग भी समझने लगे है। यहीं कारण है कि विदेशों में भी भारतीय गाय के दुध, घृत, गोमूत्र की माग बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में गुरुकुल मानव निर्माण स्थली होते थे। जबकि, मौजूदा शिक्षा प्रणाली केवल एक पक्ष को लेकर कार्य कर रही है। जिससे इंसान गाय की वास्तविकता से दूर होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि भगवान श्री कृष्ण ने गाय चरा कर केवल संसार को उनकी सेवा को प्रेरित किया था। इस मौके पर पूर्व मेयर राकेश राठौर, फ्रूट मंडी एसोसिएशन के उप-चेयरमैन रछपाल बब्बू, स्वामी सज्जानानंद, रोहित जोशी, मुनीष कुमार, इशात शर्मा व अन्य मौजूद थे।

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